MP: पूर्व BJP विधायक के घर IT रेड, 14 किलो सोना, करोड़ों का कैश और तीन मगरमच्छ मिले

सागर में पूर्व बीजेपी विधायक हरवंश सिंह राठौर के घर में स्थित तालाब से तीन मगरमच्छ भी बरामद हुए हैं। जबकि मगरमच्छ पालना गैरकानूनी है।

Updated: Jan 09, 2025, 08:49 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के बाद अब सागर भाजपा के दो बड़े नेता धनकुबेर निकले हैं। यहां भाजपा के पूर्व विधायक के घर रेड करने जब IT की टीम पहुंची तो हैरान रह गई। भाजपा नेता के घर में करोड़ों रुपए कैश तो मिला ही तीन जिंदा मगरमच्छ भी मिले। तालाब में मगरमच्छ देख IT अफसर भी डर गए।

आयकर विभाग की टीम ने रविवार सुबह सागर में छापेमारी शुरू की थी। एक टीम पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर गई। दूसरी टीम ने पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी और उनके सहयागी राकेश छावड़ा के घर सर्चिंग शुरू की। जहां उन्हें कई किलो आभूषण और करोड़ों की नगदी बरामद हुई। 

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इस छापे में पूर्व विधायक राठौर के बंगले से 14 किलो सोना और 3.8 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। राठौर परिवार इसका कोई हिसाब नहीं दे पाया। राठौर परिवार बीड़ी का बड़ा कारोबारी है और राजनीति में भी उनका अच्छा दबदबा है। हरवंश सिंह की राजेश केशरवानी के साथ कंस्ट्रक्शन के काम में साझेदारी है। इसी वजह से IT की टीम उनके ठिकानों पर पहुंची थी।

सबसे चौंकानेवाला तथ्य ये रहा कि राठौर के घर में स्थित एक तालाब में तीन मगरमच्छ भी मिले हैं, जिसे पालना गैरकानूनी है। आयकर विभाग ने वन विभाग को इसकी सूचना देकर बुलाया है। रेड में मिले मगरमच्छ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो बंगले के अंदर का बताया जा रहा है। हालांकि "हम समवेत" इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

विधायक रहे राठौर के अलावा आईटी टीम को पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के घर से 140 करोड़ से ज्यादा के नकद लेनदेन के पेपर, 7 बेनामी लग्जरी कारें और लगभग 4.7 किलो सोना भी मिला है। केशरवानी परिवार के पास जो 7 लग्जरी कारें मिलीं वे किसी और के नाम पर खरीदी गई थीं।

हरवंश सिंह राठौर सागर में भाजपा जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे। उनका नाम सबसे आगे बताया जा रहा था। हरवंश पहले दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसलिए उन्हें पार्टी की ओर से जिलाध्यक्ष बनाए जाने की पूरी संभावना थी। उनके पिता हरनाम सिंह राठौर उमा भारती सरकार में जेल मंत्री रह चुके हैं। बहरहाल, छापेमारी के बाद अब माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें जिलाध्यक्ष नहीं बनाएगी।