सचिन पायलट और कमल नाथ के बीच हुई मुलाक़ात, ख़ुद के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताने का किया विरोध

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमल नाथ ने पायलट को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में बड़ा पद भी ऑफ़र किया है

Updated: Apr 14, 2023, 06:17 PM IST

जयपुर। राजस्थान में मचे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सचिन पायलट की नाराज़गी को दूर करने का ज़िम्मा कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपा है। इसी कड़ी में कमल नाथ और सचिन पायलट के बीच दिल्ली में मुलाक़ात भी हुई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को राजस्थान के घटनाक्रमों के संबंध में मुलाक़ात हुई है। 

दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाक़ात में केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। इस बैठक में कमल नाथी  ने सचिन पायलट को बताया कि पार्टी उनकी नाराज़गी को दूर करना चाहती है इसलिए वह खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। इस पर सचिन पायलट ने 11 अप्रैल को जयपुर में किए अपने अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिए जाने का विरोध किया। 

सचिन पायलट ने कमल नाथ से कहा कि उनका अनशन पार्टी विरोधी नहीं था बल्कि वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ था। पायलट ने कहा कि उन्होंने अनशन कर के पार्टी के विरोध में कोई काम नहीं किया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट को कमल नाथ ने पार्टी की ओर से राष्ट्रीय नेतृत्व में कोई बड़ा पद भी ऑफ़र किया। हालांकि दोनों नेताओं के बीच हुई  इस बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

दूसरी तरफ़ एक अंग्रेज़ी वेबसाइट ने कांग्रेस कवर करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार के हवाले से कहा है कि पायलट कांग्रेस के बाहर अपने भविष्य को नहीं तलाश रहे हैं और वह तीसरे मोर्चे या अपनी अलग पार्टी बनाने पर भी विचार नहीं कर रहे हैं। वह राजस्थान के नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं लेकिन पंजाब मामले को देखते हुए कांग्रेस पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेतृत्व में परिवर्तन करना नहीं चाहती है। 

सचिन पायलट 11 अप्रैल को वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। सचिन पायलट ने दलील दी थी कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्रवाई का भरोसा दिलाकर ही सत्ता में आई थी इसलिए राज्य सरकार को वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच करनी चाहिए। 

हालांकि कांग्रेस पार्टी को पायलट का विरोध जताने का यह तरीका पसंद नहीं आया। सचिन पायलट के अनशन से एक दिन पहले राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपना एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि सचिन पायलट को अपना विरोध जताने के लिए पार्टी के मंच का सहारा लेना चाहिए था लेकिन मीडिया के सामने अपनी ही सरकार और पार्टी के ख़िलाफ़ जाना सही नहीं है। रंधावा ने यह भी कहा कि सचिन पायलट ने पिछले छह महीने में एक बार भी उनसे इस मसले पर बात नहीं की। 

सचिन पायलट रंधावा द्वारा जारी की गई इस चेतावनी के बावजूद अनशन पर बैठे थे। विधानसभा चुनावों में अब छह महीने का ही समय बचा रह गया है। ऐसे में कांग्रेस जल्द से जल्द इस मामले को रफ़ा-दफ़ा करना चाहती है। जिसके लिए कांग्रेस पार्टी ने सुलह की ज़िम्मेदारी कमल नाथ को सौंपी है।