महाराष्ट्र में महिलाओं-बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए बनेगा शक्ति कानून

शक्ति कानून के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश होगा विधेयक, महाराष्ट्र कैबिनेट ने दी मसौदे को मंज़ूरी

Updated: Dec 10, 2020, 06:33 PM IST

Photo Courtesy: The Financial Express
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मुंबई। महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब एक नया कानून बनाया जाएगा, जिसे शक्ति कानून कहा जा रहा है। महाराष्ट्र की कैबिनेट ने इसके लिए लाए जाने वाले मसौदे को मंज़ूरी भी दे दी है। आगामी शीतकालीन सत्र में इसे विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह कानून आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर होगा। 

महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के उद्देश्य से लाए जा रहे इस कानून में दोषियों को मृत्यु दंड, आजीवन कारावास जैसे कठोर दंड और भारी जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही आपराधिक मामलों में तेज़ी से कार्रवाई किए जाने का प्रावधान भी इस विधेयक में शामिल है। राज्य में लागू किए जाने वाले इस विधेयक के मसौदे में आईपीसी, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के कानूनों की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। 

14 और 15 दिसंबर को बुलाए जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिन के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित हो जाने के बाद इस इस विधेयक को केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कानून बन जाने के बाद इसे शक्ति कानून का नाम दिया जाएगा। उद्धव सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया को बताया कि इस कानून में 15 दिनों के भीतर केस की पूरी जांच करने और 30 दिन के अंदर सुनवाई करने का प्रावधान किया गया है।