भाषण को रिकॉर्ड से हटा देना, संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ, राहुल गांधी ने ओम बिरला को लिखा पत्र
मोदी जी की दुनिया में, सच को मिटाया जा सकता है, लेकिन हकीकत में, सच को मिटाया नहीं जा सकता। मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया, वही सच है: राहुल गांधी

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को सदन में जोरदार भाषण दिया। हालांकि, उनके भाषण के प्रमुख हिस्सों को लोकसभा की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस नेता ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उसे फिर से कार्यवाही में शामिल करने की मांग की है।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला लिखी चिट्ठी में कहा कि जिस तरह से मेरे भाषण के कुछ अंश हटाए गए उससे मैं हैरान हूं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अनुराग ठाकुर के भाषण में कई आपत्तिजनक बातें थी, लेकिन आपने सिर्फ एक शब्द हटाया।
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राहुल गांधी ने पत्र में लिखा, ‘मैं यह पत्र 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई टिप्पणियों और अंशों के संदर्भ में लिख रहा हूं। यह देखकर हैरान हूं कि जिस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को निष्कासन की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया है। मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देना, संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से केवल एक शब्द हटाया गया। आपके प्रति उचित सम्मान के साथ, यह चयनात्मक निष्कासन तर्क को धता बताता है। मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।'
वहीं इस मामले पर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है, लेकिन हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था मैंने कह दिया, वह सच्चाई है, अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं।' बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) के रूप में राहुल गांधी का सोमवार को पहला भाषण था, जिसे लेकर देशभर में खूब चर्चा हुई है।