मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच को तैयार केंद्र सरकार, अब तक पीड़ितों तक नहीं पहुँची सरकारी टीम

मणिपुर की जिन महिलाओं का वीडियो सामने आया था, उनसे अभी तक न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार की टीम का संपर्क हो सका है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हलफनामा देकर सुप्रीम कोर्ट को बताई है।

Updated: Jul 31, 2023, 03:56 PM IST

नई दिल्ली। मणिपुर में महिलाओं की निर्वस्त्र परेड कराए जाने के केस में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर रहा है। पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं।

वहीं, इस मामले में एक और सनसनीखेज जानकारी मिली है। केंद्र सरकार या राज्य सरकार मणिपुर की उन महिलाओं से अभी तक कोई संपर्क नहीं कर सकी है, जिन्हें निर्वस्त्र कर परेड कराने के वीडियो ने देश को झकझोर दिया था। यह बात केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को दाखिल एक हलफनामे में कही है। सरकार ने कहा है कि सिविल सोसायटी के प्रतिरोध के कारण राज्य सरकार द्वारा गठित टीम के सदस्य इन महिलाओं से नहीं मिल पा रहे हैं। इस टीम में सभी महिलाएं हैं, जिनमें दो मनोचिकित्सक और एक मनोवैज्ञानिक भी शामिल हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद अब तक कितनी FIR दर्ज की गई हैं। अदालत ने कहा कि यह इकलौती घटना नहीं है। दूसरी महिलाओं के साथ भी ऐसा हुआ। दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की CBI जांच का विरोध किया। कुकी समुदाय की ओर से वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज ने कहा कि इस मामले की जांच SIT करे। इसमें रिडायर्ड डीजीपी को शामिल किया जाए।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि घटना 4 मई को हुई और FIR 18 मई को दर्ज की गई। 14 दिन लग गए जीरो FIR दाखिल करने में? पुलिस कर क्या रही थी? इसपर केंद्र सरकार ने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट चाहे तो मॉनिटरिंग कर सकती है। यहां हो या वहां, जो कुछ भी सामने आ रहा है, भयानक ही है। अगर सुप्रीम कोर्ट यह मामला देखता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।

पीड़ित पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह साफ है कि पुलिस उन लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा की साजिश कर रहे हैं। पुलिस इन महिलाओं को ले गई और भीड़ में छोड़ दिया। इसके बाद भीड़ ने वो किया, जो सामने आया है।