शंभू बॉर्डर पर बिगड़े हालात, पुलिस फायरिंग में घायल पूर्व सैनिक से राहुल गांधी ने की बात

किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है। किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पुलिस किसानों पर लगातार आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां दाग रही है।

Updated: Feb 14, 2024, 03:49 PM IST

नई दिल्ली। किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है। किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दाग रही है। बीच बीच में फायरिंग भी की जा रही है। रबर के छर्रे से हो रही फायरिंग के कारण कई किसान घायल हो गए हैं।।इन घायल किसानों से ही बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की है।

राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में शामिल होकर घायल हुए पूर्व सैनिक गुरमीत सिंह से बातचीत कर उनका हाल पूछा। गुरमीत ने कहा कि उनके दोनों हाथों, आंख की पलक पर और कांख (बगल में) में पुलिस वालों की बुलेट के छर्रे लगे हैं। आंख में डायरेक्ट पलक के ऊपर एक छर्रा लगा है।

इसके बाद राहुल ने पूछा कि कुल कितने किसान घायल हुए हैं। इस पर गुरमीत ने उन्हें बताया कि अब तक 100 से ज्यादा किसान घायल हो चुके हैं, जिसमें से 3-4 की हालत गंभीर है। एक किसान की तो दोनों आंखें ही चली गई हैं। किसान गुरमीत ने राहुल गांधी से कहा, 'मैं 17 साल तक आर्मी में रहा। लेकिन फिर भी मुझे समझ नहीं आ रहा कि प्रदर्शनकारियों को डायरेक्ट हिट कहां किया जाता है। जम्मू-कश्मीर में तक ऐसा नहीं किया जाता। प्रदर्शनकारियों के पैर पर गोली चलाई जाती है। दिल्ली मार्च में प्रदर्शन करने वाले आतंकी नहीं है। वह तो देश के किसान हैं।' 

इस पर राहुल ने किसान गुरमीत का ढांढस बंधाते हुए कहा कि आप पहले भी देश के लिए लड़े और अब भी देश के लिए ही लड़ रहे हो। हम आपके साथ हैं। शंभू बॉर्डर पर तनाव के बीच किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम हर हाल में दिल्ली तक जाएंगे। पंधेर ने कहा कि अगर शाम तक बातचीत का न्योता आता है तो ठीक, नहीं तो हम अब रुकेंगे नहीं। किसान आगे बढ़ने की तैयारी में हैं।

उधर, भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने रेलवे ट्रैक रोकने का ऐलान किया है। उगराहां ने कहा कि 15 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेलवे ट्रैक रोके जाएंगे। अगर किसानों पर अत्याचार बंद नहीं किए तो कड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी। उगराहां यूनियन किसानों के दिल्ली चलो मार्च में शामिल नहीं था।

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) की कोर कमेटी की भी आज बैठक हुई है। इसमें किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श किया गया। भाकियू (चढ़ूनी) ने आंदोलनरत किसानो की मांगों का किया। कहा कि आंदोलनकारी देश के किसान है, लेकिन सरकार उनसे दुश्मन देश के सैनिकों की तरह व्यवहार कर रही है।