सरकार की फैक्ट चेक यूनिट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा- इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा होगा

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की उस फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगा दी है जिसे कंटेंट की निगरानी के लिए बनाया गया था। CJI की बेंच ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरा होगा।

Updated: Mar 21, 2024, 01:57 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा होगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने कंटेंट की निगरानी के लिए इस यूनीय को बनाया था। 

केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2024 को यानी कल ही पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट (FCU) बनाने की अधिसूचना जारी की थी। अगले ही दिन यानी 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी। CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच फ्री स्पीच को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया।

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केन्द्र सरकार के नए IT रूल्स को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया कि यह यूनिट सोशल मीडिया कंपनियों को केंद्र सरकार के बारे में ऑनलाइन सामग्री की सेंसरशिप लागू करने के लिए मजबूर करेगा।

यह यूनिट बनाने का मकसद ये था कि अब सरकार के अधीनस्थ संस्था तय करेगी कि कौन सी खबर फर्जी, झूठी या भ्रामक है। यदि केंद्र सरकार से संबंधित किसी ख़बर को यह यूनिट ग़लत या भ्रामक बताती है तो मीडिया संस्थाओं को उसे हटाना पड़ेगा।

वहीं, केंद्र सरकार की दलील दी थी कि यूनिट का राजनीतिक विचारों, व्यंग्य, कटाक्ष या राजनीतिक टिप्पणियों को रोकने या दबाने का या उसकी कोशिश करने का नहीं है।