मोदी सरनेम केस: राहुल गांधी की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कांग्रेस को मिली संजीवनी

कोर्ट ने कहा कि ये सजा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है।

Updated: Aug 04, 2023, 02:52 PM IST

नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि ये सजा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। सर्वोच्च अदालत ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। वे डिसक्वालिफाई नहीं होते। सजा 1 साल 11 महीने हो सकती थी।

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को अधिकतम दो साल की सजा दी गई। निचली अदालत ने ये कारण नहीं दिए कि क्यों पूरे दो साल की सजा दी गई। हाईकोर्ट ने भी इस पर पूरी तरह विचार नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी गुड टेस्ट में नहीं थी। पब्लिक लाइफ में इस पर सतर्क रहना चाहिए। राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई कर रही थी।

राहुल गांधी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषक मुन सिंघवी ने पक्ष रखा। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि जो सजा दी गई है वो बहुत कठोर है. मौजूदा समय में आपराधिक मानहानि न्यायशास्त्र उल्टा हो गया है। मोदी समुदाय अपरिभाषित समुदाय है। याचिकाकर्ता के पास मानहानि का दावा करने का कोई अधिकार नहीं था। सिंघवी ने आगे कहा कि क्या हुआ, क्या लोकतंत्र में असहमति की अनुमति नहीं है? 

कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आपराधिक इतिहास के निष्कर्ष के बारे में क्या कहना है? इसपर सिंघवी ने जवाब में कहा कि वह अपराधिक नहीं है। सभी मामलों में वह सिर्फ एक आरोपी है। जबकि सभी मामलों में याचिकाकर्ता भाजपा कार्यकर्ता हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केवल अभी सजा पर रोक पर विचार कर रहे हैं।

सिंघवी ने आगे कहा कि गैर ज़मानती मामले में जो रेप न हो, समाज के खिलाफ अपराध न हो। जिसमें उच्चतम सजा 2 साल की हो। उस मामले में व्यक्ति को 8 सालों के लिए शांत कर दिया गया है। ये कोई हत्या का मामला नहीं है, न ही ये कोई रेप का मामला है। केरल में सीट के लिए चुनाव की अभी अधिसूचना नहीं हुई है। शायद उन्हें पता है कि वहां जीत की संभावना कम है। इसपर जस्टिस गवई ने कहा कि इसे राजनीकित मुद्दा न बनाएं। आप और जेठमलानी इसे राज्यसभा के लिए बचा कर रखें। इसपर सिंघवी ने कहा कि मैं अपनी टिप्पणी वापस लेता हूं।