रतलाम में 24 टन अफगानिस्तान का टैग लगा लहसुन पकड़ाया, चाइनीज लहसुन होने की आशंका
सरकार किसानों को अन्नदाता कहती है लेकिन चीन का लहसुन अफगानिस्तान से मंगा कर किसानों के साथ विश्वास घात कर रही है: दिग्विजय सिंह
रतलाम। लहसुन के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। इस बीच सब्जी बाजारों में 'चीनी लहसुन' भी खुलेआम बिक रहा है, जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। ये चीनी लहसुन सेहत के लिए खतरनाक है, जिसकी वजह से इसकी बिक्री पर बैन लगा रखा है। मध्य प्रदेश के रतलाम में चाइनीज लहसुन का बड़ा खेप पकड़ा गया है।
जानकारी के अनुसार रतलाम के जावरा में पंजाब पासिंग ट्रकों में 24 टन प्रतिबंधित चायनीज लहसुन पकड़ाया है। पकड़ी गई लहसुन में अफगानिस्तान का टैग लगा है। किसानों का कहना है कि पकड़ी गई चाइनीज लहसुन है। अधिकारी अभी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। किसानों ने चाइनीज लहसुन को लेकर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि चाइनीज लहसुन आने से देशी लहसुन के रेट भी नहीं मिल पा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मंगलवार रात को किसानों की सूचना पर जावरा-उज्जैन बायपास पर पुलिस ने पंजाब पासिंग दो ट्रकों को पकड़ा था। दोनों ट्रक लहसुन से भरे थे। लहसुन के कैरेट पर काबुल अफगानिस्तान का टैग लगा था। किसानों के विरोध के बाद रात में ही जावरा शहर थाना पुलिस ने दोनों ट्रकों को थाना परिसर में लाकर खड़ा करवा दिया।
हालांकि, दोनों ट्रक चालकों के पास लहसुन से जुड़ी बिल्टी व कस्टम अप्रूवल के दस्तावेज थे। इनमें लिखा था कि लहसुन की पैदावार अफगानिस्तान में हुई है और यह काबुल से भारत के लिए लोड हुआ। ऐसे में पुलिस ने लहसुन का सैंपल लेकर ट्रकों को छोड़ दिया।
व्यापारियों और किसानों की माने तो जो लहसुन अफगानिस्तान के नाम से आ रही है। यह चाइनीज लहसुन है। चाइनीज लहसुन भारत में प्रतिबंधित है। इसके बावजूद अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल के रास्ते भारत में आ रही है। अफगानिस्तान के रास्ते जो लहसुन आ रही है उसके सारे दस्तावेज तैयार कर नंबर एक में भारत में लाया जा रहा है। जबकि पाकिस्तान, नेपाल के रास्ते नंबर दो में लहसुन आ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि चीन से लहसुन भारत में बैन होने के बाद भी भारी मात्र में नेपाल बांग्लादेश के रास्ते से आ रही है। बॉडर पर चीन लहसुन की स्मगलिंग हो रही है तो यह देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। सरकार किसानों को अन्नदाता कहती है लेकिन चीन का लहसुन अफगानिस्तान से मंगा कर किसानों के साथ विश्वास घात कर रही है। किसानों ने बहुत महंगा 500 ₹ प्रति किलो भाव का लहसुन लगाया है। उसकी फसल आने में है और सरकार आंख मूंदे बैठी है। विदेशों से लहसुन की स्मगलिंग यदि होती है तो किसान को भाव नहीं मिलेगा।