हमें उम्मीद है कि आप भारत को अभी भी एक लोकतांत्रिक देश मानते होंगे, 9 विपक्षी नेताओं की पीएम मोदी को चिट्ठी

सीएम ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे सहित कुल नौ नेताओं ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग न करने की दी सलाह

Updated: Mar 05, 2023, 11:12 AM IST

नई दिल्ली। जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के संबंध में विपक्षी दलों के कुल नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है। विपक्षी नेताओं ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को स्थापित करने की मांग की है। नेताओं ने अपनी संयुक्त चिट्ठी में प्रधानमंत्री से कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अभी भी भारत को एक लोकतांत्रिक देश मानते होंगे। 

विपक्षी नेताओं ने यह चिट्ठी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी, बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और गैर बीजेपी शासित राज्यों में गवर्नर और उपराज्यपाल द्वारा राज्य सरकार के साथ संघर्ष के संबंध में लिखी है। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पंजाब सीएम भगवंत मान और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव शामिल हैं। 

विपक्षी नेताओं ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जिस कदर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उसके कारण भारत में लोकतंत्र के खतरे में होने के दुनिया के संदेह को मजबूती मिलती है। चिट्ठी में लिखा गया है कि मनीष सिसोदिया को बिना किसी ठोस सबूत के गिरफ्तार किया गया जोकि पूर्ण रूप से अनुचित है। 

विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया है कि आखिर किस कदर जांच एजेंसियों ने न सिर्फ पक्षपात पूर्ण तरीके से विपक्ष के नेताओं के ऊपर कार्रवाई की बल्कि जिन नेताओं ने बीजेपी से हाथ मिलाया उन्हें क्लीन चिट भी दे दी गई। चिट्ठी में लिखा गया है कि इससे यह बात स्पष्ट होती है कि जांच एजेंसियों को ख़ास पार्टी के नेताओं पर दबिश डालने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। चिट्ठी में असम सीएम हिमांता बिस्व सरमा, मुकुल रॉय, सुवेंदु अधिकारी, नारायण राणे जैसे नेताओं का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि इनके बीजेपी से हाथ मिलाते ही आरोप मुक्त कर दिया गया। 

विपक्षी नेताओं ने लिखा कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है, तब से विपक्ष के नेताओं को लगातार परेशान किया जा रहा है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के ऊपर भी कार्रवाई की गई। विपक्षी नेताओं ने लिखा कि चुनाव के समय नजदीक आने पर जांच एजेंसियां अचानक सक्रिय हो जाती हैं, जो इस दावे को मजबूती प्रदान करती है कि उनका भरपूर दुरुपयोग किया जा रहा है। 

जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ साथ विपक्षी नेताओं ने गैर बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपाल और उपराज्यपाल के निर्वाचित सरकारों के खिलाफ कार्य करने का आरोप लगाया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे हमेशा केंद्र और राज्य के बीच टकराव की वजह बनते हैं। विपक्षी नेताओं ने कहा कि मौजूदा समय में देश के संघीय ढांचे पर प्रहार किया जा रहा है। लोकतंत्र में जनता ही सर्वशक्तिमान होती है, इसलिए जनादेश का सम्मान होना चाहिए भले वह जनादेश आपकी विचारधारा से सहमति न रखने वाले लोगों के पक्ष में ही क्यों न दिया गया हो।