इस बार नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार ने ख़ारिज की कांग्रेस की मांग

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे पत्र में दी जानकारी, कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपाई कोशिश का एक और कदम बताया

Updated: Dec 15, 2020, 06:24 PM IST

Photo Courtesy: Legal Bites
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नई दिल्ली। इस दफा संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं होगा। अब अगले साल जनवरी महीने में सीधे संसद में बजट सत्र का आयोजन होगा। यह जानकारी संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे पत्र में दी है। प्रहलाद जोशी ने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता। 

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने लिखा है कि उन्होंने कई राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से अनौपचारिक रूप से बात की है और उनकी भी यही राय है कि मौजूदा हालात में संसद का शीतकालीन सत्र बुलाना ठीक नहीं होगा। जोशी ने लिखा है कि संसद का पिछला मॉनसून सत्र कम अवधि का होते हुए भी काफी अच्छा रहा। इस सत्र के दौरान दस बैठकों में कुल 27 बिल पास हुए। 

जोशी द्वारा लिखे पत्र के मुताबिक शीतकालीन सत्र का आयोजन इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जोशी ने चौधरी को लिखा कि जैसा कि आपको ज्ञात है कि कोरोना के चलते ही मॉनसून सत्र भी देरी से सितंबर महीने में आयोजित हुआ था। इस समय हम दिसंबर महीने के मध्य में हैं और वैक्सीन की दहलीज पर खड़े हैं। इसलिए शीतकालीन आए को आयोजित न कराने को लेकर सदन की कई पार्टियों के नेता भी सहमत हैं।

कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को लोकतंत्र विरोधी बताया है। कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर के जरिए प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि 'यह लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपाई कोशिश का एक और कदम है। लोकतंत्र पर आया भाजपाई संकट सिर्फ संसद के सत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर आम आदमी की जिंदगी, उसकी स्वतंत्रता, उसकी इच्छाओं पर संकट है। हम लड़ेंगे इस संकट के खिलाफ।"

कृषि कानूनों पर बहस करने से भागना चाहती है सरकार : अधीर रंजन चौधरी 

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि प्रहलाद जोशी के पत्र को लेकर कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी ने यह आरोप लगाया है कि सरकार केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में बहस करने से बचना चाहती है। सरकार बहस से भागना चाहती है इसलिए शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं करा रही है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जब कई राज्यों में विधानसभा सत्र का आयोजन हो रहा है तो ऐसे में संसद में शीतकालीन सत्र का आयोजन करने से सरकार को परहेज़ क्यों है ? स्पष्ट है सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ही ऐसा कर रही है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि उन्होंने संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने की मांग करते हुए पत्र लिखा था। इसे आयोजित नहीं कराने के लिए पत्र नहीं लिखा था। दरअसल तीन दिसंबर को अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र को आयोजित कराने की मांग की थी। जिसे संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कोरोना का हवाला देकर खारिज कर दिया है।