नाक रगड़ कर माफी मांगें पंडित प्रदीप मिश्रा, राधा रानी वाले बयान पर भड़के पर सांदीपनि आश्रम के पुजारी
पं. मिश्रा ने अपने एक प्रवचन में कहा था कि राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं।
उज्जैन। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा राधारानी पर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर लोगों का आक्रोश शांत नहीं हो रहा है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में उनके खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल था। मथुरा पुलिस को शिकायत भी की गई। संत प्रेमानंद महाराज ने तो ये तक कह दिया कि पं. प्रदीप मिश्रा नर्क में जाएंगे। अब सांदीपनि आश्रम के पुजारी ने भी मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन के गुरु सांदीपनि आश्रम में रहकर महर्षि सांदीपनि जी से 64 दिन में 64 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था। इस दौरान भगवान उज्जैन में ही रहे थे। इसलिए इस सांदीपनि आश्रम में बड़ी संख्या में भक्त दूर-दूर दर्शन करने आते है। आश्रम के पुजारी और सांदीपनि जी की 202 पीढ़ी के रूपम व्यास, पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान से बहुत नाराज हैं।
व्यास ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मिश्रा ने मथुरा जाकर प्रेमानंद महाराज से माफी नहीं मांगी तो वे अपने विद्वत परिषद से बात कर कोर्ट जाएंगे।उन्होंने कहा कि प्रदीप मिश्रा शिव पुराण के नाम वे कई प्रकार के टोने-टोटके कर रहे हैं। पंडित रूपम व्यास ने आरोप लगाया कि पंडित मिश्रा लोगों को बरगलाने का काम करते है। उन्हें ना शास्त्रों का ज्ञान है, ना वो जानते है, अपनी पुराण खुद ही लिखते है। मिट्टी के शिव लिंग का पूजन शाम को करने की सलाह देते है, कई ऑनलाइन पूजन करा दी। व्यास पीठ से 'राधा रानी पर अर्नगल बातें बोलीं, कौनसे शास्त्र में पढ़ लिया। इनको पता नहीं किस बात का व्यास पीठ का घमंड है। हम सांदीपनि आश्रम में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगा सकते हैं।
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि श्रीकृष्ण की रानियों में कहीं भी राधा का नाम नहीं है और राधा के पति में कहीं भी श्री कृष्ण का नाम नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।
संत प्रेमानंद जी महाराज ने इसे लेकर पंडित मिश्रा की आलोचना करते हुए कहा कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे। तुम्हें पता ही क्या है लाडली जी के बारे में? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए।