शिवसेना की बीजेपी को चेतावनी, सरकार गिराने की कोशिश की तो आग लगेगी, परमबीर को बताया बीजेपी का डार्लिंग

मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह के लेटर के बाद महाराष्ट्र की सियासत में घमासान, शिवसेना ने इस पूरे प्रकरण को बताया बीजेपी की साजिश, परमबीर के आरोपों पर उठाए गंभीर सवाल

Updated: Mar 22, 2021, 02:03 PM IST

Photo Courtesy: Scroll.in
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मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी पर महाराष्ट्र की सियासत में मची उथल-पुथल के बीच शिवसेना ने बीजेपी को कड़ी चेतावनी दी है। शिवसेना ने परमबीर सिंह को बीजेपी का डार्लिंग करार देते हुए कहा कि बीजेपी ने अगर राज्य में सरकार गिराने की कोशिश की, तो आग लगेगी। परमबीर सिंह ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं, उन्हें शिवसेना ने बीजेपी की साजिश करार दिया है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपो और परमबीर सिंह के रिश्ते को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना ने कहा है कि जिस परमबीर सिंह पर कल तक बीजेपी को भरोसा नहीं था, उसी को बीजेपी आज सिर पर बैठाकर क्यों नाच रही है। सामना में लिखा है, 'परमबीर सिंह के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की है इसलिए उनकी भावनाओं का विस्फोट समझ सकते हैं। मगर सरकारी सेवा में अत्यंत वरिष्ठ पद पर विराजमान व्यक्ति द्वारा ऐसा पत्राचार करना नियमोचित है क्या? गृहमंत्री पर आरोप लगाने वाला पत्र मुख्यमंत्री को लिखा जाए और उसे प्रसार माध्यमों तक पहुंचा दिया जाए, यह अनुशासन के तहत उचित नहीं है।'

जब रेस्टोरेंट, पब बंद तो पैसे कहां से आते

शिवसेना ने परमबीर सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए पूछा है कि जब पिछले साल से राज्य में रेस्टोरेंट और पब बंद पड़े हैं तो पैसे कहां से आते। दरअसल पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक पत्र में दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अधिकारियों को राज्य के रेस्टोरेंट और पब से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया था। लेकिन हकीकत यह है कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आए हैं और वहां रेस्टोरेंट और पबों का संचालन ही नहीं हो रहा है। ऐसे में शिवसेना ने इस दावे को महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के रूप में देखा जा रहा है।

शिवसेना ने संपादकीय में लिखा, 'सरकार को परेशानी में डालने के लिए परमबीर सिंह का कोई इस्तेमाल कर रहा है क्या? असल में जिस सचिन वाझे के कारण ये पूरा तूफान खड़ा हुआ है, उन्हें इतने असीमित अधिकार दिए किसने? सचिन वाझे ने बहुत ज्यादा उधम मचाया। उसे समय पर रोका गया होता तो मुंबई पुलिस आयुक्त पद की प्रतिष्ठा बच गई होती। कुछ मामलों में अच्छा काम करने के बावजूद वाझे प्रकरण में परमबीर की बदनामी हुई। इस प्रकरण के तार उन तक तक पहुंचेंगे ऐसी आशंका जांच में सामने आने से परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए हैं, यह सत्य होगा तो इस पूरे प्रकरण में बीजेपी, सरकार को बदनाम करने के लिए परमबीर सिंह का इस्तेमाल कर रही है।'

फडणवीस की मोदी-शाह से मुलाकात के बाद परमबीर ने वायरल की चिट्ठी

शिवसेना की आशंका इसलिए भी गहराई है क्योंकि परमबीर सिंह ने यह पत्र पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के मोदी-शाह के साथ बैठक के ठीक दो दिन बाद वायरल हुई। शिवसेना ने कहा, 'इस साजिश के पीछे सिर्फ सरकार को सिर्फ बदनाम करना मकसद नहीं है, बल्कि सरकार को मुश्किल में डालना है, ऐसी बीजेपी की नीति है। देवेंद्र फडणवीस दिल्ली जाकर मोदी-शाह से मिलते हैं और दो दिन में परमबीर सिंह ऐसा पत्र लिखकर खलबली मचाते हैं। पत्र के आधार पर विपक्ष जो हंगामा करता है, यह एक साजिश का ही हिस्सा नजर आता है। महाराष्ट्र में विपक्ष ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का निरंकुश इस्तेमाल शुरू किया है, जो उचित नहीं है। एक तरफ राज्यपाल राजभवन में बैठकर अलग ही शरारत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से दबाव का खेल खेल रही है।'

राष्ट्रपति शासन के लिए रचा गया खेल: शिवसेना

सामना में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि यह पूरा खेल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के मकसद से रचा गया है। शिवसेना ने लिखा, 'महाराष्ट्र में कानून व व्यवस्था आदि ठीक न होने का ठीकरा फोड़ा जाए और राष्ट्रपति शासन का हथौड़ा चलाया जाए, यही महाराष्ट्र के विपक्ष का अंतिम ध्येय नजर आता है और इसके लिए नए प्यादे तैयार किए जा रहे हैं। परमबीर सिंह का इस्तेमाल इसी तरह से किया जा रहा है, यह अब स्पष्ट दिखाई दे रहा है। अर्थात पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने जो आरोपों की धूल उड़ाई है, उसके कारण गृह विभाग की छवि निश्चित ही मलिन हुई है। यह सरकार की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है और विपक्ष को बैठे-बिठाए मौका मिल गया है।'

सामना में आगे लिखा है कि, 'परमबीर सिंह के निलंबन की मांग कल तक महाराष्ट्र का विपक्ष कर रहा था। आज परमबीर सिंह विरोधियों की ‘डार्लिंग’ बन गए हैं और परमबीर सिंह के कंधे पर बंदूक रखकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार के पास आज भी अच्छा बहुमत है। बहुमत पर हावी होने की कोशिश करोगे तो आग लगेगी, यह चेतावनी न होकर वास्तविकता है। किसी अधिकारी के कारण सरकार बनती नहीं और गिरती भी नहीं है, यह विपक्ष को भूलना नहीं चाहिए।'