मोरबी पुल हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत, दर्जनों लोग अब भी लापता, सरकार ने ली हादसे की जिम्मेदारी

बगैर फिटनेस सार्टिफिकेट के शुरू किया गया था पुल, हादसे के बाद कांग्रेस की परिवर्तन संकल्प यात्रा स्थगित, घटनास्थल के लिए निकले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, रात भर रेस्क्यू अभियान में जुटे थे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता

Updated: Oct 31, 2022, 04:00 AM IST

मोरबी। गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मरने वालों की तादाद 141 तक पहुंच गई है। जबकि 177 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। इनमें 19 लोग घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं और रेस्क्यू अभियान जारी है।

गुजरात सरकार ने इस हादसे की जिम्मेदारी ली है।गुजरात सरकार के मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा कि हम इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हैं। इस ब्रीज की पिछले ही सप्ताह मरम्मत की गई थी। हम हैरान हैं कि ये हादसा कैसे हो गया। हालांकि, सैंकड़ों मौतों पर बीजेपी सरकार ने चुप्पी साध ली है।

उधर विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ता रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे। हादसे के तत्काल बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत बचाव कार्य में सहयोग करने की अपील की थी। युवा कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ता रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की मदद कर रहे थे।

हादसे के बाद कांग्रेस ने आज से शुरू होने वाली परिवर्तन संकल्प यात्रा स्थगित कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह घटनास्थल के लिए निकल चुके हैं। सिंह ने हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा कि मोरबी का यह हादसा "एक्ट ऑफ गॉड" है या "एक्ट ऑफ फ्रॉड" है।

बता दें कि 143 साल पुराना यह पुल 6 महीने से बंद था। हाल ही में इसकी मरम्मत की गई थी। 25 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष पर इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। बगैर फिटनेस सार्टिफिकेट के ही जल्दीबाजी में इस पुल को खोला गया था। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसकी मरम्मत की गई थी। लेकिन मरम्मत कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। मोरबी के केबल ब्रिज पर जाने के लिए सैलानियों से 17 रुपये चार्ज किए जाते थे और बच्चों का टिकट 12 रुपये था।

हादसे ने मोरबी के भाजपा सांसद मोहनभाई कुंडारिया के 12 रिश्तेदारों की भी मौत हुई है। मोहनभाई घटनास्थल पर मौजूद हैं, उन्होंने इसकी पुष्टि भी की है। उन्होंने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे। कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया।

हैरानी की बात ये है कि सैंकड़ों लोगों के असमय निधन के बाद भी गुजरात की बीजेपी सरकार चुप है। सरकार इसे नगर निगम की गलती बताने में लगी है। जांच के नाम पर एक टीम गठित कर दी गई है। लेकिन सवाल ये है कि उन 141 निर्दोष लोगों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि गैर इरादतन हत्या और जान बूझकर मौत का कारण बनने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।