सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया हाई कोर्ट का आदेश

सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है, साथ ही कहा है कि वह किसी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगी।

Updated: Jul 19, 2023, 05:48 PM IST

नई दिल्ली। सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए बुधवार को उन्हें नियमित जमानत दे दी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सीतलवाड़ मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं करेंगी और उनसे दूर रहेंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी गई थी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था। तीस्ता सीतलवाड़ पर गुजरात दंगा मामले में फर्जी हलफनामा दाखिल कर अदालती कार्यवाही को प्रभावित करने का है आरोप है। 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर तीस्ता जमानत शर्तों का उल्लंघन करती हैं तो सरकार अर्जी दाखिल कर सकती है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हाईकोर्ट का फैसला विकृत है। हाईकोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है उससे आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल है। हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष गलत कि तीस्ता ने FIR रद्द करने की अर्जी नहीं दी।

सुनवाई के दौरान तीस्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने पूरा मामला समझाया। उन्‍होंने कहा कि फर्जी तौर पर सबूत गढ़ कर एफआइआर दर्ज की गई। यह मामला 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने से संबंधित है। पिछले साल सितंबर को तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर गुजरात हाईकोर्ट को मामले में मेरिट के आधार पर निर्णय करने को कहा था। पिछले शनिवार को हाईकोर्ट ने तीस्ता की जमानत रद्द कर तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा था।