बारिश ने खोली गुजरात मॉडल की पोल, सुरेंद्रनगर में भरभराकर गिरा पुल, रेल पटरियां डूबने से कई ट्रेनें निरस्त
गुजरात में तेज बारिश और बाढ़ से 11 लोगों की मौत की सूचना है। राजकोट, वडोडरा, आणंद, मोरबी, खेड़ा और द्वारका में सेना की 6 टुकड़ियों को मदद के लिए उतारा गया है।
अहमदाबाद। मानसूनी बारिश ने गुजरात के कथित विकास मॉडल की पोल खोलकर रख दी है। तीन चार दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से राज्य भर में जनजीवन प्रभावित हुई है। उधर, सुरेंद्रनगर जिले में पुल गिरने की भी खबर है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है।
गांधीनगर में डैम लबालब भरा है। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच गई है। सुरेंद्रनगर जिले चोटिला तालुका में सरगम के पास एक पुल भारी बारिश और बाढ़ के कारण ढह गया है।जबकि 806 सड़कों के डैमेज होने के मामले सामने आए हैं।बता दें कि पिछले साल भी बारिश में सुरेंद्रनगर जिले में एक पुल गिरने का मामला आया था।
राजकोट, वडोडरा, आणंद, मोरबी, खेड़ा और द्वारका में सेना की 6 टुकड़ियों को मदद के लिए उतारा गया है। 14 NDRF और 22 SDRF टीमें अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। मंगलवार शाम तक 1,696 लोगों को बचाया गया। 23,871 लोगों को निचले इलाकों से सेफ जगह पहुंचाया। बुधवार और गुरुवार को सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में बेहद भारी बारिश होने का अनुमान है। मछुआरों को 30 अगस्त तक समुद्र में न जाने का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ के पानी में रेलवे पटरियां डूबने के कारण परिचालन भी ठप हुआ है। पश्चिम रेलवे ने वडोदरा मंडल की नौ ट्रेनें की रद्द की है। जबकि कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए हैं। उधर, जूनागढ़ जिले के मांगरोल में नाव पलटने से एक नाविक की मौत हो गई, जबकि इस घटना में तीन अन्य लापता हैं। हादसे में 4 घायल भी हुए हैं।