न बदलें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम, दिग्विजय सिंह ने की पीएम मोदी से मांग

दिग्विजय सिंह ने जवाहर नवोदय विद्यालय के नाम परिवर्तन के प्रयासों का विरोध करते हुए कहा कि पहले से बनी लाईन को छोटी करके कोई बड़ा नहीं बन सकता।

Updated: Mar 14, 2023, 08:11 PM IST

नई दिल्ली। देशभर में फैले जवाहर नवोदय विद्यालयों के नाम परिवर्तन करने की कोशिशों का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि संकीर्ण मानसिकता वाले प्रयास रोकें। सिंह ने पीएम मोदी को नसीहत देते हुए कहा कि पहले से बनी लाईन को छोटी करके कोई बड़ा नहीं बन सकता।

पीएम मोदी को संबोधित पत्र में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा, "पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सामने लाने और उनके शैक्षणिक विकास के लिये जवाहर नवोदय विद्यालय पूरे देश में प्रारंभ कराये थे। यह शिक्षा के क्षेत्र में आजादी के बाद का सबसे क्रांतिकारी कदम था। विगत 36 वर्षो में नवोदय विद्यालय से निकले लाखों छात्रों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर नवोदय विद्यालयों का नामकरण किया गया था। मुझे जानकारी मिली है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालयों का नाम आपके शिक्षा मंत्रालय द्वारा चरणबद्ध तरीके से बदला जा रहा है। इन स्कूलों को पी.एम.श्री स्कूल नाम दिया जा रहा है।"

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सिंह ने पत्र में आगे लिखा, "यह बड़े खेद का विषय है कि पंडित नेहरू के नाम को जनमानस की स्मृति से हटाने के लिये शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह कृत्सित प्रयास किया जा रहा है। आपको विदित होगा कि डॉ. आंबेडकर द्वारा लिखित भारत के संविधान में पं. नेहरू ने देश में शिक्षा की अलख जगाने के लिये 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने का विधान बनाया था। पं. नेहरू के कार्यकाल में ही देश को आई.आई.टी., आई.आई.एम., एम्स और सेन्ट्रल स्कूल जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान देश में प्रारंभ किये गये थे। भारत को 21वीं सदी में दुनिया का सबसे शिक्षित समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का स्वप्न देखने वाले युगदृष्टा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में 1986 में नई शिक्षा नीति लागू करवाई थी। इसी दौरान देश के 85 प्रतिशत ग्रामिणों के गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिये पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर आवासीय विद्यालय प्रारंभ कराये गए थे। उस समय देश के सात लाख गांवों में रहने वाले इन प्रतिभाशाली बच्चों की पढ़ाई का खर्च केन्द्र सरकार द्वारा वहन किये जाने का निर्णय राजीव गांधी सरकार ने लिया था।"

राज्यसभा सांसद सिंह आगे लिखते हैं कि, "जेएनवी के विगत 36 वर्षों के वैभवशाली कार्यकाल में लाखों बच्चों ने शिक्षा प्राप्त कर उच्च शिक्षा में न सिर्फ अपने माता-पिता का, परिवार का व समाज का बल्कि जिले, प्रदेश और देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। आज पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेस से लेकर दुनिया की बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक में नवोदय विद्यालय के छात्र "जवाहर" बनकर चमक रहे हैं। पूरे देश को राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोये रखने के लिये विभिन्न प्रदेशों में संचालित 600 से अधिक नवोदय विद्यालय के कक्षा-9 के बाद के छात्रों को एक वर्ष तक अध्ययन के लिये किसी अन्य भाषा के प्रांत में अध्ययन हेतु भेजा जाता है। इसी दौरान ये भारत के नौजवान विभिन्न भाषाओं, जातियों, धर्मों, संप्रदायों और विविधताओं से परिचित होकर राष्ट्रीयता की भावना को प्रबल करते है। यह भावना पूरे भारत को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधे रखती है।"

पीएम मोदी को संबोधित इस पत्र में सिंह आगे लिखते हैं कि, "हमें गर्व है कि 21वीं सदी को भारत की सदी होने का स्वप्न देखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी का सपना आज देश के सात लाख गांवों में रहने वाले 100 करोड़ लोगों में जवाहर नवोदय विद्यालय के रूप में साकार हो रहा है। आपकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण काम करने की जगह पंडित नेहरू के नाम पर संचालित स्कूलों के नाम बदलने का काम कर रही है। पूर्व में आप पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर स्थापित इंदिरा आवास योजना का नाम बदल चुके हैं। आपके अधीन कार्यरत शिक्षा मंत्रालय द्वारा तो दो-दो पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का नाम और स्व. राजीव गांधी का काम दोनों को ही इतिहास से मिटाने का कदम उठाया जा रहा है।"

सिंह ने अंत में लिखा है कि, "भारतीय राजनीति के पुरोधा और कवि हृदय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक कविता में लिखा था कि "छोटे मन से कोई बड़ा नही होता, टूटे मन से कोई खड़ा नही होता" यह पक्तियां बहुत कुछ कह जाती हैं। लोक कल्याण की राजनीति छोटी और संकीर्ण सोच की जगह बड़े सोच के साथ काम करने की शिक्षा देती है। पहले से बनी लाईन को छोटी करके न कोई दल बड़ा बन सकता है न कोई राष्ट्र शक्तिशाली बन सकता है। मेरा आपसे पुनः निवेदन है कि भारत के लाल जवाहर लाल की स्मृति में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालयों का नाम पी.एम.श्री विद्यालय करने के संकीर्ण मानसिकता वाले प्रयासों को रोककर दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों को सच्ची श्रद्धांजली दें।"