टूटते आशियाने देख रो पड़ी बस्ती, परीक्षा के समय सैंकड़ों घरों पर चला बुलडोजर, मानवाधिकार आयोग पहुंचे पीसी शर्मा

100 साल पुरानी भदभदा बस्ती में मानवता का हनन हो रहा है , लोगों के बिजली व नल कनेक्शन काट दिए गये हैं। बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं ऐंसे में लोगों को बेघर कर उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है: पीसी शर्मा

Updated: Feb 23, 2024, 03:54 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित ताज होटल के सामने की बस्ती पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। परीक्षा के समय सौ से अधिक आशियाने उजाड़े जा चुके हैं और यह कार्रवाई जारी है। पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने मानवाधिकार आयोग में इस कार्रवाई को चुनौती दी है। उन्होंने बताया कि आयोग ने संज्ञान लेकर तुरंत नोटिस देने की बात कही है।

भोपाल में होटल ताज के सामने भदभदा बस्ती पर बुलडोजर चल रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 386 घरों को हटाने के आदेश दिए थे। दो दिन में 139 घर हटा दिए गए हैं। आज तीसरे दिन शुक्रवार को 129 घर और गिराए जा रहे हैं। ये लोग आजादी के पहले से इस जगह पर रह रहे थे। करीब 100 साल पुरानी बस्ती है। लेकिन अचानक इसे अवैध बताकर तोड़ा जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि लोगों से सहमति लेकर उनके घरों को गिराया जा रहा है। 

मौके पर कोई हंगामा न हो, इसके लिए पुलिस ने बस्ती से 1 किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक रखा है। पुलिस के 500 जवान तैनात हैं। घरों को तोड़ने के लिए 10 JCB लगाई गई हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कार्रवाई अगले दो दिन और चलेगी। सैंकड़ों परिवारों का आशियाना उनके आंखों के सामने एक साथ टूट रहा है। उनके पास रोने बिलखने के अलावा कोई विकल्प तक नहीं है। 

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बताया कि बंदूक की नोंक पर बस्तियां हटाई जा रही है। शर्मा ने ट्वीट किया, '100 साल पुरानी भदभदा बस्ती में मानवता का हनन हो रहा है , लोगों के बिजली व नल कनेक्शन काट दिए गये हैं। बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं ऐंसे में लोगों को बेघर कर उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। बंदूक की नोक पर लोगों से सिग्नेचर करवा कर विस्थापन किया जा रहा है। किसी भी प्रकार कार्यवाही में कोई पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।' 

शर्मा ने आगे लिखा, '1 किलोमीटर दूर एरिया से पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है जिससे कोई मौका स्थल पर नहीं पहुंच पाये। मीडिया तक को मौका स्थल पर नहीं जाने दिया जा रहा , शासन प्रशासन के अधिकारी लोगों को धमका रहे हैं , पीड़ितों को उचित भोजन व्यवस्था नहीं है। लोग भूख प्यास से बेहाल हैं।'