भिंड: जमीन विवाद में गोलीबारी से मची सनसनी, एक की मौत एक गंभीर रूप से घायल
भिंड जिले के मालनपुर क्षेत्र के लहचूरा गांव में जमीन विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। घटना में कॉलोनाइजर पक्ष के 45 वर्षीय अमरीश सिंह तोमर की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 40 वर्षीय संतोष शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए।
भिंड| जिले के मालनपुर क्षेत्र के लहचूरा गांव में जमीन विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। जादौं फार्म हाउस की 40 बीघा जमीन पर सरसों की फसल को नष्ट कर कॉलोनी बनाने के लिए बाउंड्री निर्माण का काम चल रहा था। इस दौरान बुलडोजर से सरसों की फसल हटाई जा रही थी, जिससे ग्रामीणों में रोष फैल गया। ग्रामीणों ने बाउंड्री निर्माण का विरोध करते हुए पहले दीवार को तोड़ा और फिर मौके पर रखी कुर्सियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों में हाथापाई और बाद में गोलीबारी हुई।
इस हिंसक घटना में कॉलोनाइजर पक्ष के 45 वर्षीय अमरीश सिंह तोमर की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 40 वर्षीय संतोष शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल संतोष को ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गोलीबारी की सूचना मिलने पर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, एसपी डॉ. असित यादव और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए इलाके में बल तैनात कर दिया है।
लहचूरा गांव और आसपास की 1700 बीघा जमीन लंबे समय से विवादों में है। 1975 के रिकॉर्ड के मुताबिक, यह जमीन सिंधिया राज परिवार के करीबी डीके जाधव और उनके वारिसों के नाम दर्ज थी। लेकिन 2017 में जब जमीन के पुराने रिकॉर्ड खंगाले गए, तो पता चला कि असली मालिक विदेश में बस चुके थे और इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने जमीन पर कब्जा कर खेती शुरू कर दी। इसके बाद जमीन की खरीद-फरोख्त का सिलसिला शुरू हुआ। अप्रैल 2024 में 133 बीघा और नवंबर 2024 में 1033 बीघा जमीन की रजिस्ट्री कराने की कोशिशें की गईं, लेकिन गड़बड़ी की शिकायतों पर कलेक्टर ने हस्तक्षेप करते हुए इन्हें होल्ड पर डाल दिया।
इस मामले में स्थानीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि जमीन विवाद की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। तो वहीं, कांग्रेस नेता हेमंत कटारे ने आरोप लगाया है कि भिंड जिले के एक पूर्व मंत्री और उनके रिश्तेदार इस विवाद में शामिल हैं और उन्होंने सरकार से स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
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इस जमीन की बाजार कीमत करोड़ों रुपए प्रति बीघा है, लेकिन इसे सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है। जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़े राजनेताओं और रसूखदार लोगों की भूमिका सामने आई है। मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया से सटी होने के कारण यह जमीन बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
घटना के बाद से लहचूरा गांव में तनावपूर्ण माहौल है। पुलिस ने कॉलोनाइजर की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज करने की तैयारी कर ली है। वहीं, जमीन विवाद को लेकर इलाके के लोगों और प्रशासन के बीच खींचतान चल रही है।