पीएम की कथित सुरक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमेटी, रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में होगी जांच

रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा के अलावा जांच कमेटी में एनआईए के डीजी, डीजी, सिक्योरिटी ऑफ पंजाब और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शामिल किया गया है, यह समिति प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई कथित चूक के तमाम पहलुओं पर जांच करेगी

Updated: Jan 12, 2022, 06:04 AM IST

नई दिल्ली। पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई कथित चूक को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई कथित चूक के तमाम पहलुओं पर जांच करेगी। जांच की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में होगी। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति में रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा के अलावा एनआईए के डीजी, DG(सिक्योरिटी ऑफ पंजाब), पंजाब हरियाणा कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शामिल किया गया है। जांच कमेटी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई कथित चूक का कारण पता लगाएगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के लिए कमेटी अपने सुझाव भी पेश करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले से संबंधित तमाम रिकॉर्ड कमेटी की चेयरपर्सन इंदु मल्होत्रा को सौंपने के निर्देश दिए हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश की समयसीमा तय नहीं की है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कथित चूक के मामले पर सीजेआई रमन्ना की अगुवाई वाली बेंच सुनवाई कर रही थी। इस मामले पर पिछली सुनवाई सोमवार को हुई थी। इस दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसे केंद्र सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने केंद्र द्वारा पंजाब के अधिकारियों को भेजे गए समन को लेकर भी आपत्ति जताई थी। पंजाब सरकार ने कहा था वह खुद इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और जांच भी कर रही है। 

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पंजाब सरकार द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले पंजाब सरकार के अधिकारियों को समन भेजा गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले के लिए न्यायिक कमेटी गठित करने का एलान किया था।

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के संबंध में सबसे पहली बार बीते शुक्रवार यानी 7 जनवरी को सुनवाई हुई थी। मामले की पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री के ट्रैवल रिकॉर्ड को सील करने के निर्देश दिए थे।