तीन तस्वीरों में देश का दर्द
सांसद विवेक तन्खा ने लॉकडाउन से उपजी पीड़ा को तीन तस्वीरों से बयान किया है।

कोरोना संकट की आहट तो जनवरी से ही समझ ली गई थी। फरवरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार चेताया था कि सरकार को कोरोना से निपटने के लिए कमर कस लेनी चाहिए मगर ऐसा हुआ नहीं और मार्च अंत में देश में लागू किया गया लॉकडाउन कई समस्याएं ले कर आया। देश में कोरोना पॉजिटिव केस 70 हजार 756 हो गए हैं तथा अब तक 2293 लोगों की जान जा चुकी है। लॉकडाउन के कारण लोगों को काम मिलना बंद हो चुका है।
राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदर परेशान हैं और वे पैदल की अपने घरों की ओर चल पड़े। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने लॉकडाउन से उपजी पीड़ा को तीन तस्वीरों से बयान किया है। उन्होंने लिखा है कि तीन तस्वीरों में देश की स्थिति को समझा जा सकता है। लाखों लोग शहरों से अपने गांव की तरफ चल पड़े हैं। तन्खा ने इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा जनसांख्यिकी बदलाव है। श्रमिकों का धैर्य चूक गया है और वे घर की सुरक्षा की तरफ चल पड़े हैं। तन्खा ने कहा है कि सरकार इसे समझने में विफल रही है।
Three pics define the current mood.Millions of distressed Indian move from Urban centres towards security of homes in hinterland.Since partition the biggest demographic shift.Patience of poor working class gives way to a sordid distress migration.Govts failed to guess the deluge pic.twitter.com/A5NX8mtb7l
— Vivek Tankha (@VTankha) May 12, 2020