किसान आंदोलन से जुड़े ट्विटर अकाउंट किए जा रहे बंद, केंद्र सरकार के निर्देश पर हो रही कार्रवाई

किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर, बीकेयू के प्रवक्ता तेजवीर सिंह अंबाला (शहीद भगत सिंह), किसान नेता रमनदीप सिंह मान, बीकेयू क्रांतिकारी से सुरजीत सिंह फुल्ल जैसे नेताओं के ट्विटर अब एक्स अकाउंट बंद किए गए हैं।

Updated: Feb 20, 2024, 11:52 AM IST

नई दिल्ली। एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं। तमाम मुश्किलों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों सरकार से सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी की कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इधर, सरकार किसान आंदोलन से जुड़े सोशल मीडिया पेज को बंद करवाने में लगी हुई है।

किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार, प्रमुख किसान संगठन और उनके नेता साथ ही इससे जुड़े कुछ अन्य लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में बंद कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई खासतौर पर एक्स (Twitter) पर हुई है। किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर, बीकेयू के प्रवक्ता तेजवीर सिंह अंबाला (शहीद भगत सिंह), किसान नेता रमनदीप सिंह मान, बीकेयू क्रांतिकारी से सुरजीत सिंह फुल्ल, हरपाल संघा, हरियाणा से अशोक दनौदा जैसे किसान नेताओं के एक्स अकाउंट पेज बंद कर दिए गए हैं।

किसान आंदोलन को प्रमुखता से कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया के सोशल मीडिया पेज 'गांव सवेरा' को भी भारत में बंद कर दिया गया है, उनके निजी पेज को भी बंद किया गया है। सवाल यह है कि इसके पीछे सरकार कैसे है? दरअसल जब भी किसी एक्स अकाउंट को बंद किया जाता है तो एक्स उसे मेल के जरिए संदेश भेजकर इसकी वजह बताता है। किसान आंदोलन से जुड़े जिन अकाउंटस को बंद किया गया है, उन्हें मेसेज आया है कि आपका अकाउंट लीगल रिमूवल डिमांड के रहते रोका गया है। 
ट्विटर ने मेल में यह स्पष्ट किया है कि अकाउंट बंद करने का ये लीगल रिमूवल डिमांड भारत सरकार की है। पत्रकार श्याम मीरा सिंह के को भी ट्विटर ने इसी तरह का मेल भेजा है। हालांकि, उनका अकाउंट अभी बंद नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि सरकार के निर्दश पर यह सब किया जा रहा है ताकि आम लोगों तक किसानों की आवाज़ ना पहुंचे।

ऐसा पहली बार भी नहीं है कि भारत सरकार ने ट्विटर अकाउंटस पर प्रतिबंध लगाने के लिए इस तरह के कानूनी अनुरोध किए हैं। इससे पहले भी किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा इस तरह के हथकंडे अपनाए गए हैं। वहीं, मेन स्ट्रीम मीडिया पर भी आंदोलन को कवर नहीं करने का दबाव डाला जाता है। 

बहरहाल, ट्विटर की बात करें तो कंपनी अपने आधिकारिक दिशानिर्देशों में कहती है कि यदि किसी देश की सरकार किसी अकाउंट को रोकने के लिए उचित कारणों से अनुरोध करता है तो ऐसी कार्रवाई की जाती है। एक्स के मुताबिक ऐसा भी होता है कि अगर सरकार सही वजह ना दे तो सरकार के अनुरोध को टाला भी जा सकता है। हालांकि, ऐसा कम ही देखने को मिलता है।