MP: साढ़े 3 लाख लाड़ली बहना हुईं योजना से बाहर, समग्र पोर्टल से डिलीट हो जा रहे नाम

अगर मालवा और बैतूल कलेक्टर ने हाल ही में एमपी इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखकर इसकी जानकारी दी है।

Updated: Feb 19, 2025, 01:36 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लाडली बहनों की संख्या तेजी से कम हो रही है। दो साल में साढ़े तीन लाख महिलाएं योजना से बाहर हुईं हैं। इसे लेकर दो जिलों के कलेक्टर ने सरकार को पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया कि समग्र पोर्टल से ऑटोमेटिक महिलाओं के नाम डिलीट हो रहे है। साथ ही समग्र पोर्टल से आधार को डीलिंक किया जा रहा है।

ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉक, स्थानीय निकाय और कलेक्टरों तक लाडली बहनों के नाम कटने की शिकायतें पहुंच रही हैं। अगर मालवा और बैतूल कलेक्टर ने हाल ही में एमपी इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखकर इसकी जानकारी दी है।

आगर मालवा कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पोर्टल के तहत हितग्राहियों के नाम समग्र से डिलीट होने और आधार के समग्र से डीलिंक हो जाने के कारण हर महीने मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में शिकायतें मिल रहीं हैं। आगर मालवा जिले में 58 महिलाओं के नाम समग्र से डिलीट हुए हैं और 142 महिलाओं के आधार समग्र से डीलिंक दिख रहे हैं।

वहीं, बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने भी इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को पत्र लिखा है। इस लेटर में उन्होंने समग्र पोर्टल से लाड़ली बहना योजना की 169 महिलाओं के नाम डिलीट किए जाने की जानकारी दी है। बैतूल कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं की समग्र आईडी में आ रही समस्या का निराकरण कराया जाए। ताकि महिलाओं को लाड़ली बहना योजना की आर्थिक सहायता राशि दी जा सके।

बता दें कि लाड़ली बहना योजना की राशि न बढ़ने, नई हितग्राहियों को स्कीम से न जोड़ने और लाड़ली बहनों की संख्या लगातार कम होने को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। लाड़ली बहना योजना का बजट भी सरकार ने नहीं बढ़ाया है। जिससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार अपने वादे पर कायम नहीं है। चूंकि, चुनाव पूर्व सरकार ने महिलाओं को तीन हजार रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया था।