मुर्दाघर में डोम के पद पर वैकेंसी, सैंकड़ों इंजीनियर्स और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों ने किया अप्लाई

देश में बेरोजगारी का दंश: मुर्दाघर में शवों को संभालने वाले 6 लोगों की वैकेंसी, 8 हजार लोगों ने किया आवेदन, योग्यता 8वीं पास चाहिए लेकिन इंजीनियर और पोस्ट ग्रेजुएट्स में भी लगी होड़

Updated: Jul 25, 2021, 05:18 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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कोलकाता। देश में बेरोजगारी की मार झेल रहे पढ़े-लिखे युवाओं की मजबूरियों का जीता जागता उदाहरण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में देखने को मिला है। यहां एक सरकारी अस्पताल में शवों को संभालने के लिए लैब हेल्पर के पद पर 6 वैकेंसी निकली है। मुर्दाघर में बोलचाल की भाषा में जिसे डोम कहा जाता है। हैरानी की बात ये है कि इसके लिए 8 हजार लोगों ने अप्लाई किया है।

नील रत्न सरकार चिकित्सा कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे यहां मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी विभाग में ‘डोम' के छह पदों पर भर्ती निकली थी। दिसंबर 2020 में निकली भर्ती की अधिसूचना के अनुसार इस पद के लिए कम से कम योग्यता आठवीं पास होनी चाहिए। इसके लिए उम्र सीमा 18 से लेकर 40 साल तक है। वहीं मासिक वेतन महज 15,000 रुपये है।

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चौंकाने वाली बात ये है कि डोम के पद पर भर्ती के लिए आवेदन देने वालों में करीब 100 अभ्यर्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। करीब 500 अभ्यर्थियों ने पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। जबकि 2,200 ग्रेजुएट छात्रों के पास स्नातक की डिग्री है। इतना ही नहीं इनमें 84 महिला उम्मीदवार भी हैं।

हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने बताया कि कई आवेदक नौकरी की योग्यता के हिसाब से बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। यह अचंभित करने वाला है कि इंजीनियरिंग, पोस्ट ग्रेजुएशन और स्नातक की डिग्री रखनेवालों ने इस पद के लिए आवेदन किया। ऐसा पहली बार हुआ। अबतक आम तौर पर वेलोग ही मुर्दाघरों में काम करते थे, जिनके परिवार के लोग पहले से ही ‘डोम' के रूप में काम कर रहे हैं।