चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही त्रिपुरा में हिंसा शुरू, बाइक रैली के दौरान कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमला

त्रिपुरा में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सत्ताधारी दल बीजेपी के लोगों ने कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमला किया, इस हमले में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी डॉ अजय कुमार बुरी तरह घायल हुए हैं।

Updated: Jan 18, 2023, 02:03 PM IST

अगरतला। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही हिंसा शुरू हो गई है। बीजेपी शासित त्रिपुरा में बुधवार को भाजपाइयों की गुंडागर्दी देखने को मिली। उन्होंने बाइक रैली कर रहे कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी डॉ अजय कुमार बुरी तरह घायल हुए हैं।

घटना त्रिपुरा के मजलिशपुर निर्वाचन क्षेत्र के रानीरबाजार मोहनपुर की है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने इलाके में बाइक रैली निकाली थी, इसी दौरान घात लगाकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। हैरानी की बात ये है कि निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के महज आधे घंटे बाद ही कांग्रेस नेताओं पर हमला किया गया। जबकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने शांतिपूर्ण मतदान का दावा करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हुए हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी डॉ. अजय कुमार को भी गंभीर चोटें आई है। कांग्रेस विधायक सुदीप राय बर्मन ने बताया कि घायल हुए कई पार्टी कार्यकर्ता अभी भी रानिरबाजार पुलिस स्‍टेशन में हैं। बर्मन के मुताबिक पुलिस थाने के बाहर बड़ी संख्या में हमलावर मौजूद हैं। इसके चलते घायल कार्यकर्ताओं को अस्‍पताल नहीं भेजा जा सका है। 

कांग्रेस विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार में मंत्री सुशांत चौधरी विपक्ष पर हुए इस हमले का नेतृत्‍व कर रहे थे। राय बर्मन ने मांग की कि निर्वाचन आयोग, मजलिसपुर सहित पांच विधानसभा सीटों पर अलग से चुनाव कराए। कांग्रेस के घटना से संबंधित वीडियो भी जारी किए हैं।

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बता दें कि त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है। राज्य की कमान माणिक साहा के हाथों में हैं। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वामदलों के लंबे शासन को खत्म कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 में से 36 सीटें मिली थीं जबकि सीपीआईएम महज 16 सीटों पर सीमट गई थी। राज्य में IPFT को 8 सीटें मिली थीं। इस साल होने वाले चुनाव में वामदल और कांग्रेस के गठबंधन कर चुनाव लड़ने की संभावना है।