फील्डिंग विपक्ष ने लगाया, हमने चौके-छक्के लगाए, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोले पीएम मोदी

लोकसभा में विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे रहे हैं। अपने भाषण की शुरुआत ही उन्होंने मणिपुर के बजाय विपक्ष पर हमलों से की है।

Updated: Aug 10, 2023, 05:35 PM IST

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे रहे हैं। अपने भाषण की शुरुआत ही उन्होंने मणिपुर के बजाय विपक्ष पर हमलों से की है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ है। यह विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है, हमारा नहीं है। 2024 में भी एनडीए जीतेगी।

पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, 'फील्डिंग विपक्ष ने लगाया, हमने चौके-छक्के लगाए। विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी। आप मेहनत कीजिए। 2018 में कहा था कि आना, 5 साल में भी मेहनत नहीं कर पाए। मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया। 2018 में भी ये ईश्वर का आदेश था कि विपक्ष ऐसा प्रस्ताव लेकर आए थे। प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं, ये विपक्ष का ही फ्लोर टेस्ट है। एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता।'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख आपके दिमाग पर सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की परवाह नहीं है। अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। एक दिन सदन चलने भी दिया तो किस काम के लिए...आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। कट्टर भ्रष्ट साथी की सलाह पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। देश की जनता ने जिस काम के लिए उन्हें यहां भेजा, उस जनता से भी विश्वासघात किया गया है। कुछ विपक्षी दलों के लिए उनके आचरण से सिद्ध कर दिया कि देश से ज्यादा उनके लिए दल है। देश से पहले दल उनके लिए प्राथमिकता है।'

पीएम मोदी ने कहा, 'विपक्ष के प्रस्ताव पर 3 दिनों से यहां काफी चर्चा हुई है। अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता। बीते दिनों इसी सदन ने और दोनों सदनों ने जनविश्वास बिल, मेडिकल बिल, डेंटल कमीशन बिल, आदिवासी बिल, डिजिटल डाटा प्रोटक्शन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए। ये ऐसे बिल थे, जो मछुआरों के हक के लिए थे। सबसे ज्यादा लाभ केरल को होना था। वहां के सांसदों से ज्यादा अपेक्षा थी कि गंभीरता से लेते बिल को। उन पर राजनीति हावी थी। युवाओं के लिए नई दिशा देने वाला बिल था। हिंदुस्तान को साइंस पावर बनाने की दिशा में बढ़ाने वाला बिल था। डिजिटल डाटा प्रोटक्शन बिल युवाओं से जुड़ा हुआ था।'