गांवों में कैसे करें इलाज, न मास्क, न सुरक्षा साधन
कोरोना महामारी पर नियंत्रण में जुटे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं। उनके पास उचित मास्क भी नहीं है। न घर से आवाजाही के लिए वाहन उपलब्ध हो पा रहे हैं।
भोपाल। प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने में स्वास्थ्य विभाग का अमला जुटा है मगर शहरों की तुलना में गांवों की स्थिति बहुत खराब है। यहां डॉक्टरों के पास भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक एन 95 जैसे मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) नहीं हैं। स्वास्थ्यकर्मियों को तो बहुत कम साधन उपलब्ध हैं। इन साधनों के बिना इन सभी की जान जोखिम में है।
जन स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक अमूल्य निधि ने कहा है कि डॉक्टरों सहित समूचा स्वास्थ्य अमला इस महामारी से निपटने में जुटे हैं। मगर दुर्भाग्य पूर्ण है कि यही अमला सुरक्षा साधनों और सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। सरकार ने स्वास्थ्य अमले का जीवन बीमा किया है मगर उन्हें जोखिम भत्ता देने आवश्यक है। उन्हें अस्पताल आने जाने के लिए परिवहन सुविधा देनी चाहिए। मास्क सहित सभी सुरक्षा साधन उपलब्ध करवाना चाहिए।