Hate Speech: व्हाट्सएप भी धंधे के लिए बैन नहीं करता बीजेपी की हेट स्पीच
TIME Magazine: अमेरिकी पत्रिका ने किया खुलासा कि व्हाट्सएप पर अफवाह के बाद होती है लिंचिंग, राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली। फेसबुक द्वारा बिजनेस कारणों का हवाला देकर बीजेपी नेताओं और समूहों की हेट स्पीच पर कार्रवाई का ना करने की रिपोर्ट के बाद अब एक और अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ ने व्हाट्सएप के संबंध में भी एक ऐसा ही खुलासा किया है। व्हाट्सएप पर फेसबुक का ही मालिकाना हक है।
पत्रिका ने बताया है कि व्हाट्सएप भारत में खुद को ‘डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म’ के रुप में खड़ा करना चाहता है, इसलिए बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही हेट स्पीच और हिंसा भड़काने वाले संदेशों पर कोई कार्रवाई नहीं करता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संबध में ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
Click: Facebook: धंधे के चक्कर में बीजेपी की घृणा पोस्ट बैन नहीं
उन्होंने ट्वीट किया, “अमेरिका की टाइम पत्रिका ने बीजेपी और व्हाट्सएप की मिलीभगत का भांडाफोड़ किया है। भारत में 40 करोड़ लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं और अब व्हाट्सएप खुद को डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के रूप में खड़ा करना चाहता है। इसके लिए उसे मोदी सरकार की सहमति चाहिए। इस तरह से बीजेपी का व्हाट्सएप पर नियंत्रण है।”
America's Time magazine exposes WhatsApp-BJP nexus:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 29, 2020
Used by 40 Cr Indians, WhatsApp also wants to be used for making payments for which Modi Govt's approval is needed.
Thus, BJP has a hold over WhatsApp.https://t.co/ahkBD2o1WI
क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में व्हाट्सएप के इंडिया पॉलिसी शिवनाथ ठुकराल का जिक्र है। शिवनाथ ठुकराल वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए फेसबुक पर चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी। मार्च 2020 में उन्हें व्हाट्सएप इंडिया का पॉलिसी हेड बना दिया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि व्हाट्सएप ने 2016 में खुद को भारत में डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के रूप में खड़ा करने की कोशिश की थी। लेकिन तब केंद्र सरकार ने नेट न्यूट्रैलिटी का हवाला देकर ऐसा होने से मना कर दिया था। बाद में शिवनाथ ठुकराल की केंद्र सरकार के नेताओं से नजदीकी को देखते हुए उन्हें कंपनी ने अपना पॉलिसी हेड बना लिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ठुकराल का काम यह देखना है कि 2016 जैसी दिक्कत फिर से ना आए। अगर व्हाट्सएप पर बीजेपी से जुड़ी हेट स्पीच पर कार्रवाई होती है तो इससे सरकार नाराज हो सकती है और कंपनी का खुद को डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के रूप में खड़ा करने का लक्ष्य अधूरा रह सकता है।
फेसबुक ने रिलायंस जियो में खरीदी दस प्रतिशत हिस्सेदारी
टाइम मैग्जीन की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि व्हाट्सप खुद को भारत में डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने के लिए इतनी ज्यादा इच्छु है कि फेसबुक ने इस साल अप्रैल में मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो में 5.7 अरब डॉलर की कीमत पर दस प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की।
रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी का मानना है कि नरेंद्र मोदी के नजदीकी माने जाने वाले मुकेश अंबानी और शिवनाथ ठुकराल के सहारे वह अपना लक्ष्य पूरा कर सकती है और भारत में उभर रहे डिजिटल बाजार से अरबों का फायदा कमा सकती है। यह भी बताया गया है कि व्हाट्सएप पर गौरक्षक समूह अफवाह फैलाते हैं। जिसके बाद मुसलमानों और दलितों की लिंचिंग होती है। लिंचिंग के बाद के वीडियो भी घृणा फैलाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और व्हाट्सएप का प्रयोग फेक न्यूज फैलाने में भी किया जाता है, जिसके ऊपर यह मेसेजिंग एप कोई कार्रवाई नहीं करती।