अरुणाचल प्रदेश से 252 मेगावाट बिजली खरीदेगी MP सरकार, एनएचपीसी से हुआ समझौता
एमपी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश की डिवांग जलविद्युत परियोजना से 252 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए एनएचपीसी के साथ समझौता किया है। यह कदम प्रदेश की बढ़ती घरेलू, औद्योगिक और कृषि जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अरुणाचल प्रदेश से 252 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्णय लिया है। इस संबंध में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी और एनएचपीसी के बीच समझौता किया गया है। दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित समारोह के दौरान पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में इस समझौते का आदान-प्रदान किया गया।
यह बिजली अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग घाटी जिले में स्थित बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना से प्राप्त होगी, जिसे केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना के तहत निर्माणाधीन डिवांग नदी पर स्थित जलविद्युत संयंत्र से वर्ष 2031-32 तक बिजली उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में घोटाला जांच आयोग गठित करे सरकार, पूर्व सीएम कमलनाथ ने घोटालों का जिक्र कर उठाई मांग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस पहल को भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ नवीकरणीय स्रोतों से बिजली खरीदना आवश्यक है, क्योंकि प्रदेश में घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य की बिजली मांग 20,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है, और आने वाले वर्षों में इसमें निरंतर वृद्धि होगी।
समझौते पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक राकेश ठुकराल और एनएचपीसी के महाप्रबंधक ओंकार यादव ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया और एनएचडीसी के प्रबंध संचालक राजीव जैन भी मौजूद रहे। यह परियोजना विशेष रूप से रबी फसल के मौसम में पीक ऑवर्स के दौरान राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी।