उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला

कोरोना महामारी के इस दौर में वायरस ने ज़िन्दगी के पिंजरे का ताला खोल जैसे आत्मा को खुले आसमान में तैरने के लिए उड़ा दिया है!

Updated: May 13, 2021, 09:48 AM IST

तस्वीर में ज़िन्दगी की थाती
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1. तस्वीर में ज़िन्दगी की थाती

कबीर भजन

उड़ जायेगा उड़ जायेगा,
उड़ जायेगा हंस अकेला,
जग दर्शन का मेला।

जैसे पात गिरे तरुवर पे,
मिलना बहुत दुहेला,
ना जाने किधर गिरेगा,
ना जानूं किधर गिरेगा,
गगन पवन का रेला,
उड़ जायेगा उड़ जायेगा,
उड़ जायेगा हंस अकेला,
जग दर्शन का मेला।
जब होवे उमर पूरी
जब छूटे गा हुकुम हुज़ूरी
यम के दूत बड़े मज़बूत
यम से पडा झमेला,
उड़ जायेगा उड़ जायेगा,
उड़ जायेगा हंस अकेला,
जग दर्शन का मेला।

दास कबीर हर के गुण गावे,
वाह हर को पारण पावे,
गुरु की करनी गुरु जायेगा,
चेले की करनी चेला,
उड़ जायेगा उड़ जायेगा,
उड़ जायेगा हंस अकेला,
जग दर्शन का मेला।