जी भाईसाहब जी: सीएम कह रहे हैं, जनता के बीच जाओ, जनता के सवालों से भाग रहे हैं नेताजी

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दीपावली पर मंत्रियों को जनता के बीच जाने का संकल्प दिलाया जबकि विंध्‍य में नेताओं को जनता का विरोध देख उल्‍टे पैर भागना पड़ा है। उधर, सागर में तो ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया खेमे को तवज्‍जो से बीजेपी नेता रो रहे हैं। ग्‍वालियर क्षेत्र में इमरती देवी का वायरल वीडियो बीजेपी नेताओं को असहज कर रहा है।

Updated: Oct 27, 2022, 03:43 AM IST

बीजेपी सांसद रीति पाठक
बीजेपी सांसद रीति पाठक

हिंदी सिनेमा के प्रख्‍यात खलनायक अजीत का एक डायलॉग बहुत प्रसिद्ध है, ‘इसे लिक्विड ऑक्‍सीजन में डाल दो। लिक्विड इसे ज़िदा नहीं रहने देगी और ऑक्सीजन इसे मरने नहीं देगी।’ बीजेपी के विंध्‍य क्षेत्र के बीजेपी नेताओं की हालत कुछ ऐसी ही हो गई है। मिशन 2023 में जुटे मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीपावली पर मंत्रियों और अफसरों को जनता के बीच जाने का संकल्प दिलाया जबकि विंध्‍य में नेताओं को जनता का विरोध देख उल्‍टे पैर भागना पड़ा है। 

मामला सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र का है। यहां गोरबी गांव में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में बीजेपी सांसद रीति पाठक और विधायक अमर सिंह पहुंचे थे। दोनों नेता उपलब्धियां बताते हुए सरकार का गुणगान कर रहे थे तभी जनता ने सवाल पूछने शुरू कर दिए। महिलाओं और लोगों ने पूछ लिया कि सड़क कब बनेगी?  विकास कार्य न होने से नाराज जनता के सवाल इनते तीखे हो गए कि विधायक अमर सिंह और सांसद रीति पाठक बिना जवाब दिए जाने लगे। लेकिन लोगों ने तो उन्‍हें घेर लिया।

आक्रोश इतना था कि पुलिस को बचाव में उतरना पड़ा और पुलिस सुरक्षा के बीच हड़बड़ी में नेता वहां से ‘भाग’ निकले। पुलिस जब जैसे तैसे दोनों नेताओं को वाहन में बैठा कर गांव से निकाल रही थी तब भी गांव वालों ने उनके वाहनों को घेरने की कोशिश की। हद तो यह है कि विरोध कर रहे लोगों में से पांच के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिए गए हैं। 

इसके पहले भी सांसद रीति पाठक का एक वीडियो वायरल हुआ था।  वायरल वीडियो में एक युवक सांसद रीती पाठक से अपने रोजगार की मांग करता दिखाई देता है। सांसद उसकी बातों को अनसुना कर मौजूद लोगों से उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए कहती हैं। फिर खुद युवक की बांह पकड़कर खुद ही उसे हटा कर आगे बढ़ जाती  हैं। 

विंध्‍य क्षेत्र में बीजेपी ने बीते चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत की है लेकिन पंचायत चुनावों के दौरान मिला फीडबैक बता रहा है कि क्षेत्र में नाराजगी फैल रही है। पंचायत चुनाव में पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकने वाले बीजेपी के बरसों से समर्पित नेताओं को पुलिस थाने में बैठा कर रखा गया था। अब जनता के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

ऐसे समय में जब डबल इंजन की सरकार के कामों के जरिए बीजेपी 2023 में सफलता दोहराना चाहती है तब जनता का ऐसे उग्र होना और प्रदर्शनकारियों पर मामले दर्ज करना पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। परेशानी का कारण यह भी है कि यदि ऐसे ही लोग सड़क, पानी, बिजली, खाद के मुद्दे पर सामने आते रहे तो जवाब देना भारी पड़ जाएगा। 


सिंधिया की ‘इमरती’ से बीजेपी के ‘लाल’ नाराज 

केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की समर्थक व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त इमरती देवी एक बार फिर अपने बयान से विवाद में है। खासबात यह है कि उनके इस बयान से बीजेपी के अजा मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष लाल सिंह आर्य सहित अन्‍य नेता ही खफा है।  

इमरती देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अनुसूचित जाति की बैठक को संबोधित करते हुए वे कहते दिखाई दे रही हैं कि हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है, चाहे पुलिस हो या प्रशासन बल्कि यह तो हमसे ही डरते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-माफिया हमारे समाज से न टकराए, क्योंकि हमारे समाज का खून खोलता है तो हम किसी से नहीं डरते हैं। बैठक में यह नारे लगाए जा रहे थे कि जो जमीन सरकारी है वह हमारी है। 

बयान से सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका पर सवाल हुआ तो बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने कहा कि इमरती देवी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए। लाल सिंह ने कहा कि किसी भी महापुरुष की प्रतिमा लगाने के लिए परमीशन लेना पड़ती है और उसका पालन सभी को करना चाहिए। 

पंचायत चुनाव को लेकर भी इमरती देवी ने कहा कि कई नेता लगे रहे कि उनके समर्थक नगर पालिका व नगर पंचायत में अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन इमरती इतनी कमजोर नहीं है कि उसे कोई आसानी से पराजित कर ले और मैं अधिकांश पार्षदो को अपने साथ ले गई। इमरती देवी इनदिनों कह रही है कि मेरे खिलाफ कई बाहुबली नेता लगे रहे, लेकिन वह भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सके। यह साफ-साफ बीजेपी की अंदरूपी राजनीति की तरफ संकेत है। सभी जानते हैं कि पंचायत चुनाव में बीजेपी समर्थक नेताओं से अलग अपने समर्थकों को चुनाव लड़वा कर इमरती देवी ने बीजेपी के स्‍थानीय नेताओं को अजीब स्थिति में डाल दिया था। इमरती के इस तरह ताकतवर होने से बीजेपी के नेता ही कमजोर हो रहे हैं। जाहिर है, उनके खिलाफ गुस्‍सा तो बढ़ेगा ही। 

मीडिया के सामने क्यों रो रहे बीजेपी नेता

बात केवल लोगों के नाराज होने की नहीं है। बीजेपी के कार्यकर्ता भी नाराज हैं। विंध्‍य से लेकर बुंदेलखंड, ग्‍वालियर-चंबल क्षेत्र के कार्यकर्ता अपना महत्‍व घटने से दु:खी हैं। केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आए नेताओं के आगे बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और इस दु:ख को अब खुल कर व्‍यक्‍त कर रहे हैं।  

सागर जिले के भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजकुमार सिंह धनोरा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। मीडिया को अपनी व्यथा बताते हुए उन्होंने कहा है कि बीस साल से पार्टी के लिए जी जान लगाने और किसी तरह का आरोप नहीं होने के बाद भी उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया। बीस साल की मेहनत को संगठन ने कोई तवज्जो नहीं दी। 

उनके निष्‍कासन का कारण जानने के लिए पड़ताल करने की जरूरत नहीं हुई। खुद राजकुमार धनोरा ने इसका खुला करते हुए कहा कि परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के कहने पर उनका निष्कासन हुआ है। 

राजकुमार सिंह धनोरा मंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी नेता हैं। मुख्‍यमंत्री के पसंदीदा मंत्री भूपेंद्र सिंह धनोरा को पार्टी से निष्‍कासित करने के पीछे भी बड़ी राजनीति है। धनोरा जिला पंचायत चुनाव में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह के भाई हीरा सिंह के विरूद्ध मैदान में उतर गए थे। यह मंत्री राजपूत को नागवार गुजरा था। बाद में नगरीय प्रशासन मंत्री अपने नेता भूपेंद्र सिंह की समझाइश के बाद राजकुमार धनोरा ने अपना नामांकन वापस लिया था। इसके बाद ही मंत्री के भाई हीरा सिंह के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हुआ था।

लेकिन राजकुमार सिंह धनोरा ने परिवहन मंत्री गोविंद‍ सिंह के प्रति नाराजगी जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर रहे थे। इसकी शिकायत भोपाल तक हुई और हाल ही पार्टी में आए नेता के दबाव में बरसों पुराने कार्यकर्ता को पार्टी से निकाल दिया गया। यही कहते हुए धनोरा मीडिया से चर्चा करते हुए रो पड़े। उन्‍होंने कहा कि मैं इतने सालों से पार्टी की ईमानदारी से सेवा कर रहा हूं लेकिन मुझे एक झटके में बाहर कर दिया गया। मेरा दोष तक नहीं बताया गया। फिलहाल तो ऐसे बरसों से समर्पित नेताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। 

राजकुमार धनोरा ने कहा है कि जब से सिंधिया और उनके समर्थक बीजेपी में आए, तब से पुराने कार्यकर्ताओं की स्थिति पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं जैसी हो गई है। उन्हें अब अपनी सुरक्षा को लेकर भी डर सताने लगा है।

इवेंट में जुटी सरकार, कांग्रेस को चौपाल का सहारा

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी शिवराज सरकार नित नए ‘इवेंट’ रच रही है। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनतेरस पर सतना में गृह प्रवेश कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए। अब उन्‍हें इंदौर में आयोजित इंवेस्‍टर्स समिट में बुलाने की तैयारी है। इसबीच प्रदेश के स्थापना दिवस पर भी 7 दिन अलग अलग आयोजन होंगे। 67 वें स्थापना दिवस पर 1 से 7 नवंबर तक नर्मदा से लेकर महाकाल महालोक पर केन्द्रित गतिविधियां होंगी।

बीजेपी सरकार के इन इवेंट के बरअक्‍स कांग्रेस गांधी चौपाल के जरिए पंचायतों तक पहुंच रही हैं। इस चौपाल का आयोजन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्‍य प्रदेश आगमन की तैयारी के रूप में किया जा रहा है। कांग्रेस के लिए मिशन 2023 के लिहाज से भारत जोड़ो यात्रा बड़ा इवेंट है। इसके सहारे मालवा की राजनीति में पैर जमाए रखने की कोशिश होगी।

प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा यात्रा महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में 20 नवंबर के आसपास बुरहानपुर जिले के इच्छापुर से प्रवेश करेगी। तय कार्यक्रम के अनुसार यात्रा के लिए माहौल बनाने का काम शुरू हो गया है। राज्‍यसभा सांसद व भारत जोड़ो यात्रा के प्रमुख सूत्रधार दिग्विजय सिंह और राज्यसभा सांसद 27 अक्‍टूबर को इंदौर में वकीलों के साथ चर्चा करने वाले हैं। प्रदेश कांग्रेस छह हजार 21 किलोमीटर की सहायक यात्राएं दीपावाली के बाद प्रारंभ कर रही है। इसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक पदयात्रा करेंगे। गांव और कस्बों में आमजन से संवाद किया जाएगा। 

सहायक यात्राएं बुहरानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा जिले में राहुल गांधी की यात्रा में मिल जाएंगी। पार्टी राहुल गांधी की यात्रा से मालवा निमाड़ में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत कर लेना चाहती हैं। ताकि 2023 में भी 2018 की सफलता को दोहराया जा सके।