वक्फ संशोधन बिल का देशभर में विरोध, अलविदा जुमा पर काली पट्टी बांधकर पढ़ी गई नमाज
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर देशभर में मुस्लिमों द्वारा सांकेतिक विरोध किया गया। AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में ये अपील की थी।

नई दिल्ली। रमजान के आखिरी जुमे (जुमतुल विदा) पर मुस्लिम समुदाय ने वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर देशभर में मुस्लिमों द्वारा सांकेतिक विरोध किया गया। दिल्ली, लखनऊ, भोपाल समेत तमाम शहरों में लोग काली पट्टी बांधकर मस्जिदों में पहुंचे।
बता दें कि AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में ये अपील की थी। उत्तर प्रदेश में आज शुक्रवार को अलविदा जुमा की नमाज को लेकर हाई अलर्ट किया गया है। संभल, मेरठ, कानपुर, प्रयागराज समेत प्रदेश के कई जिलों में भारी फोर्स तैनात है। संभल के शाही जामा मस्जिद के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिसकर्मियों ने फ्लैग मार्च किया। तरावीह के वक्त भी विशेष चौकसी बरती जाएगी।
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बता दें कि AIMPLB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लेटर शेयर कर नमाजियों से काली पट्टी बांधने की अपील की थी। AIMPLB ने लिखा, 'अल्हम्दुलिल्लाह, दिल्ली के जंतर-मंतर और पटना में मुसलमानों के जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन ने कम से कम BJP की सहयोगी पार्टियों को हिला दिया है। अब 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी एक बड़ा प्रदर्शन होगा।'
बोर्ड ने आगे लिखा, 'वक्फ संशोधन बिल 2025 एक खतरनाक साजिश है। इसका उद्देश्य मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, खानकाहों, कब्रिस्तानों और परोपकारी संस्थानों से बेदखल करना है। यदि यह बिल पास हो गया तो ये सभी हमसे छीन लिए जाएंगे। वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। बोर्ड सभी मुसलमानों से अपील करता है कि वे जुमातुल विदा की नमाज के लिए मस्जिद जाते समय काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध दर्ज कराएं।'
उधर, तमिलनाडु की DMK सरकार ने गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रस्ताव के विरोध में कहा कि ये बिल मुसलमानों के अधिकारों को खत्म कर देगा। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार बिल वापस ले।
स्टालिन ने कहा कि, 'केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं ला रही है, जो राज्य के अधिकारों, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ हैं। वक्फ संशोधन बिल मुसलमानों के अधिकारों को नष्ट कर रहा है। केंद्र सरकार ने कभी मुसलमानों के कल्याण और उनके अधिकारों के बारे में नहीं सोचा।' उन्होंने कहा, 'संशोधन में कहा गया है कि दो गैर मुस्लिम लोग को वक्फ का हिस्सा होना चाहिए। मुसलमानों को डर है कि यह सरकार का वक्फ संपत्तियों को हड़पने का एक तरीका है और यह धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।'