जी भाईसाहब जी: जाति (गणना) से जनता की दिल जीतने की जुगत
MP News: सोशल इंजीनियरिंग के दम पर जातीय समीकरण साधने वाली बीजेपी की रणनीति को एक चोट लगी है। बीजेपी देश में जातीय जनगणना की विरोधी है और कांग्रेस ने सरकार बनने पर मध्य प्रदेश में जातीय गणना की घोषणा कर दी है। बीजेपी की मुसीबत तो पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे नेता और कार्यकर्ता भी बढ़ा रहे हैं।

जातीय समीकरण को साध कर सत्ता हासिल करती आ रही बीजेपी को कांग्रेस की ओर से कड़ी चुनौती मिली है। सागर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा की है कि कांग्रेस सरकार बनाते ही मध्य प्रदेश में जातीय जनगणना करवाएगी। कांग्रेस ने यह घोषणा कर जातीय जनगणना बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रख दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर में आए थे और दलित वोटों को साधने के लिए संत रविदास का मंदिर बनाने की आधारशिला रख गए थे। कांग्रेस ने पीएम मोदी की सभा के जवाब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सभा का आयोजन किया। दलित वोट को आकर्षित करने की बीजेपी की रणनीति के विरूद्ध कांग्रेस की यह सभा दो मोर्चों पर अलग रही। राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर सागर में संत रविदास महाराज के नाम से विश्वविद्यालय शुरू करने की बात कही। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर की आधारशिला रखी थी।
कांग्रेस ने यह घोषणा कर बताया कि बीजेपी मंदिर की बात कर रही है जबकि कांग्रेस शिक्षा की पहल कर रही है। खरगे ने यह भी कहा कि बीजेपी ने मंदिर का शिलान्यास दलित वर्ग को लुभाने के लिए किया है। यदि ऐसा नहीं होता तो केंद्र में 9 साल व प्रदेश में 18 साल की सरकार पहले ही यह पहल कर देती। खरगे ने बताने की कोशिश की है कि बीजेपी दलितों को लुभाने की बात करती है जबकि कांग्रेस उनके हक की चिंता कर रही है।
इससे बड़ी घोषणा कांग्रेस की सरकार बनने पर मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना करवाने की है। बिहार में नीतिश कुमार सरकार जातीय गणना करवा रही है और बीजेपी हर हाल में इसे रूकवाने का प्रयत्न कर रही है। अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा जातीय जनगणना करवाने की बात दलित वर्ग को आकर्षित कर सकती है। जातिगत जनगणना से पता चल सकेगा कि किस जाती के कितने लोग गरीब, पिछड़े, जमीनविहीन, अशिक्षित हैं। सरकार इस आंकड़ें के अनुसार वर्ग विशेष के लिए आरक्षण और योजनाओं का निर्धारण कर पाएंगी।
बीजेपी सरकार ने जातीय जनगणना तो ठीक सामान्य जनगणना में भी रूचि नहीं ली है। 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना के कारण टाल दी गई है। जनगणना के आंकड़ों के बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहद मुश्किल है।
कांग्रेस की यह घोषणा 2018 की तरह बीजेपी के लिए संकट बन सकती है। विधानसभा 2018 के चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मसला छाया था और कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी आरक्षण दिया था। प्रदेश में 51 फीसदी ओबीसी हैं और वे 125 सीटों पर प्रभाव डालते हैं। जातिगत गणना होने के बाद यह मामला ओबीसी आरक्षण का मामला भी सुलझेगा। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की घोषणा ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है।
50 पर्सेंट कमीशन पर बीजेपी पस्त
पचास फीसदी कमीशन और भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस के खिलाफ हमलावार हुई बीजेपी के हौंसले पस्त हैं। बीजेपी नेता ही खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। बीजेपी को समझ नहीं आ रहा है कि वह अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी करे तो आखिर क्या करे।
ठेकेदारों के एक संगठन के वायरल हुए पत्र के आधार पर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य में 50 प्रतिशत कमीशनखोरी की सरकार काम कर रही है। इस हमले से बौखलाई बीजेपी ने ताबड़तोड़ 41 जिलों में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। बीजेपी का कहना था कि पत्र जिस संगठन के नाम से लिखा गया है वह संगठन और व्यक्ति वास्तव में है ही नहीं। वह पत्र फर्जी था। बीजेपी के तेवर दिखा रहे थे कि कमीशनखोरी के आरोप बेबुनियाद हैं और बीजेपी इस पर चुप नहीं रहेगी।
मगर अब जब बीजेपी के नेता ही अपनी पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। निवाड़ी से बीजेपी विधायक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत बीजेपी जिला उपाध्यक्ष ग्यादीन अहिरवार ने ही कर दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को शिकायती पत्र में कहा गया है कि निवाड़ी विधायक अनिल जैन के संरक्षण एवं मिली भगत से खाद्यान्न एवं मध्याह्न भोजन में 133 करोड़ रूपयों से ज्यादा का घोटाला हुआ है। मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव की बहू और निवाड़ी जिला पंचायत सदस्य रोशनी यादव ने भी बीजेपी की रीति नीति और नेतृत्व से दु:खी होकर पार्टी छोड़ दी है। रोशनी यादव ने वीडियो जारी कर कहा कि महिलाओं के प्रति दिखावटी योजना एवं उनके प्रति बढ़ते अत्याचार को देखकर मैं आहत हूं। भाजपा की सदस्य होकर रोजाना जनता से उठ रहे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई के सवालों का उत्तर देने में असमर्थ हूं। अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं के इन आरोपों पर बीजेपी में चुप्पी पसरी है।
गैरों पर करम, अपनों पर सितम
लता मंगेशकर का गाया एक गाना बहुत चर्चित है, ‘गैरो पे करम अपनो पे सितम, ए जान-ए-वफा ये जुल्म ना कर।’ बीजेपी के मैदानी और खांटी कार्यकर्ता व नेता इनदिनों यही गीत गा रहे हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके समर्पण में क्या कमी रह गई थी कि पार्टी कल के आए अफसर, नेता, डॉक्टर को तो टिकट दे रही है लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर रही है। ये नेता मंच पर रो रहे हैं, कार्यकर्ता गुस्से में रैलियां निकाल रहे हैं।
बीजेपी ने कांग्रेस के पहले अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सबको चौंका दिया लेकिन उससे ज्यादा निराशा में डूब गए टिकट की आस लगाए बैठे नेता। बालाघाट की लांजी सीट से बीजेपी ने अपने राजकुमार कर्रहे को टिकट दिया है जबकि पांच साल पहले वे बीजेपी से हटा दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी में थे। उन्हें टिकट देने की घोषणा के बाद ‘राजकुमार हटाओ-बीजेपी बचाओ' और 'बीजेपी संगठन होश में आओ' के नारे लगे। बीजेपी ने मंडला की बिछिया विधानसभा सीट से डॉ. विजय आनंद मरावी को टिकट दिया है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सह अधीक्षक रहे डॉ. विजय आनंद मरावी ने टिकिट मिलने के बाद बीजेपी की सदस्यता ली।
चाचौड़ा में बीजेपी ने आईआरएस अधिकारी की पत्नी प्रियंका मीना को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व विधायक ममता मीना का टिकट काटकर छह महीने पहले पार्टी में आईं प्रियंका मीना को टिकट दिया है। इससे नाराज ममता मीना ने बीनागंज में शक्ति प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक ममता मीना कह रही हैं कि पैराशूट प्रत्याशी मंजूर नहीं है।
छतरपुर में ललिता यादव को बीजेपी का टिकट देने की घोषणा के बाद दावेदार अर्चना गुड्डू सिंह के समर्थक सड़क पर उतर आए। महिलाओं ने हाथ में चूड़ियां लेकर महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा के कई चक्कर लगाए। मंच पर पहुंची अर्चना गुड्डू सिंह फफक कर रो पड़ी। गैरों और आयातीत को टिकट देने से नाराज नेताओं के समर्थक सड़कों पर उतरने के साथ भोपाल तक की दौड़ लगा रहे हैं।
कांग्रेस को मिला नया प्रभारी, अभियान को मिलेगी धार
यह विरोधाभास है कि मिशन 2023 को फतह करने के लिए ऐड़ीचोटी का जोर लगा रही बीजेपी अपने उम्मीदवार तय कर घोषित कर रही है जबकि कांग्रेस अभी प्रभारी बदलने में ही लगी हुई है।
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारियों को देखते हुए लग रहा था कि वह बीजेपी के पहले अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी लेकिन कांगेस में उम्मीदवारों के पहले प्रभारी बदलने के आदेश जारी हो गए। पार्टी ने वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को हटाकर रणदीप सुरजेवाला को मध्यप्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बना दिया है। रणदीप सुरजेवाला कर्नाटक प्रभारी हैं। उनके कार्यकाल के दौरान पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। कर्नाटक में जीत के बाद अब कांग्रेस को उनसे मध्य प्रदेश में बेहतर अभियान की उम्मीदें हैं।
कार्यकर्ता विश्वास में हैं कि रणदीप सुरजेवाला के आने से कांग्रेस का मिशन अधिक धारदार हो जाएगा। रणदीप सुरजेवाला के भोपाल आने की प्रतीक्षा के साथ अभी कांग्रेस अपनी योजना बैठकों में ही जुटी हुई है जबकि बीजेपी तैयारी कर रही है कि इस माह के अंत तक प्रत्याशियों की दूसरी सूची में जारी कर दे।