साथियों को कोरोना पॉजिटिव होते देख दहलता है दिल
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर सभी कह रहे हैं - शुक्रिया सिस्टर!

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर मंगलवार को जब पूरी दुनिया नर्सों की सेवा भावना को सेल्यूट कर रही है तब हमने मप्र की नर्सों से बात की और उनकी भावनाओं व समस्याओं को जाना। पूरे समय सेवा भावना से रोगियों की तीमारदारी में जुटी इन नर्सों की दुनिया अस्पताल और रोगियों के इर्दगिर्द सिमटी हुई है। रोगी ठीक होते हैं तो उन्हें आत्मीय प्रसन्नता होती है और यदि कोरोना के समय में अपना ही कोई साथी संक्रमित हो जाता है तो डर छा जाता है।
गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर की नर्स शीला देशमुख सुबह 8 बजे से अस्पताल पहुंचती हैं, जहां कोरोना वार्ड में 20-24 कोरोना पेशेंट्स उनका इंतजार कर रहे होते हैं। जिंदगी और मौत के बीच एक अदृश्य वायरस से लड़ रहे मरीजों का स्वागत शीला एक बड़ी सी मुस्कान के साथ करती हैं, डर लगने की बात पर कहती हैं कि अब आदत हो गई है, तो डर काफुर हो गया है। वह खुद भी सारे सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं, और साथियों से भी ऐसा करने को कहती हैं, शीला का कहना है कि जब पेशेंट स्वस्थ्य होकर जाते हैं, तो हमें भी दिल से खुशी होती है, कुछ बातें शब्दों में बयां नहीं होती, शीला बताती हैं कि अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला कोरना पॉजिटिव आने पर काफी डरी हुई थी, उन्होंने बताया वो अकेली रहती हैं, उनके साथ कोई नहीं था, जब बुजुर्ग ठीक होकर घर जा रही थीं तो उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखा, बोली कुछ भी नहीं, लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे, जो बिना शब्दों के बहुत कुछ कह गए।
जवाहरलाल नेहरु गैस राहत अस्पताल भोपाल की स्टाफ नर्स आभा त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना का डर हर समय लगा रहता है, अस्पताल के 3 स्टाफ मेंबर्स कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, लेकिन ड्यूटी को अपना फर्ज मानकर आगे बढ़ते हैं, मरीजों का इलाज करते हैं, ड्यूटी के बाद कोरोंटाइन का वक्त काफी कठिन होता है जब घर में रहकर भी परिजनों से दूरी बनाकर रखनी होती है।
चुनौती पूर्ण है कोरोना मरीजों के साथ काम करना
जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर में कोरोना मरीजों के बीच ड्यूटी कर रहे मेल नर्स रामकुमार कुशवाहा का कहना है कि कोरोना वार्ड में ड्यूटी करना चुनौती पूर्ण है, मरीजों की तकलीफ कई बार उन्हें भी तकलीफ देती है, लेकिन इन सब से उबर कर वो अपनी ड्यूटी करते हैं, और मरीजों का हौसला भी बढ़ाते हैं, उनकी दुआ है कि कोरोना का खात्मा हो जाए और दोबारा किसी को पीपीई किट ना पहनना पड़े, पीपीई किट पहनना काफी चुनौती पूर्ण है।
देश ने जताया नर्सों का आभार
कोरोना वायरस महामारी के बीच अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है, हर आम और खास अपने-अपने तरीके से नर्सों को धन्यवाद दे रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा - 'अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर मैं दुनिया भर में मानवता की सेवा करने वाली सभी नर्सों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। नर्सें हमारे चिकित्सा क्षेत्र की रीढ़ हैं। कोविड-19 के प्रसार को रोकने में उनकी भूमिका वास्तव में उल्लेखनीय है। भारत हमारे नर्सों को उनके अथक प्रयासों के लिए सलाम करता है ।
On #InternationalNursesDay, I express my gratitude towards all the nurses serving humanity across the world. Nurses are the backbone of our medical sector. Their role in containing the spread of COVID-19 is truly remarkable. India salutes our nurses for their tireless efforts.
— Amit Shah (@AmitShah) May 12, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ‘’भारत के पार हमारी नर्सें लोगों का जीवन को बचाने के लिए 24 घंटे अथक परिश्रम कर रही हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नर्सें हमारी पहली पंक्ति की गुमनाम नायक हैं। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर मैं उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए उनमें सभी को धन्यवाद और सलाम करता हूं’’।
Across India our nurses are working tirelessly, around the clock, to help save lives. They are our unsung heroes, our first line of defence against the Covid19 virus.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 12, 2020
On #InternationalNursesDay I thank & salute each & every one of them for their hard work & dedication.