मध्यप्रदेश में भारी वर्षा से तबाही, अपनों के निशाने पर आई शिवराज सरकार, देखिए सिर्फ हम समवेत पर
अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।
बाढ़ से तबाही, अपनों के निशाने पर सरकार
मध्यप्रदेश में अतिवर्षा तबाही मचा रही है। अब तक 18 लोगों की जान जाने और 21 हजार।हेक्टेयर फसल खत्म होने का अनुमान है। इस आपदा पर भाजपा सरकार अपनों के ही निशाने पर है। प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे ने ग्वालियर चंबल क्षेत्र में बाढ़ के लिए भू माफिया को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पुराने रियासत दशक काल में यहां ताल-तलैया हुआ प्रदेश करती थीं, लेकिन भूमाफिया ने इनमें कॉलोनियां काट दीं। नालों पर उधर, बिल्डिंग तन गईं। पूर्वमंत्री अनूप मिश्रा ने भी बाढ़ को प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा है कि गलतियों के लिये जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
नेताओं का दबाव, जल्द हो सहकारिता चुनाव
कोरोना के भय से नगरीय निकाय व पंचायत के चुनाव टाल दिए गए हैं मगर मध्यप्रदेश सरकार सहकारिता चुनाव की तैयारी में है। भाजपा नेता भी सहकारिता चुनाव जल्द कराना चाहते हैं। उन्होंने सत्ता व संगठन के सामने अपनी यह मांग रखी है। सहकारिता की रीढ़ मानी जाने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) का कार्यकाल समाप्त हुए भी तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं और उनकी कमान प्रशासकों के हाथ में है। लगभग सभी सहकारी संघों में चुना हुआ बोर्ड नहीं है। नए नियमों के अनुसार अब सांसद और विधायक सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष बन सकते हैं। मैदानी राजनीति के मद्देनजर नेता चाहते हैं कि जल्द चुनाव हो और वे सहकारी संस्थाओं पर काबिज हों।
मेजर ध्यानचंद के लिए मांगा भारत रत्न
भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न होगा।भारतीय हॉकी टीमों के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय को अपर्याप्त बताते हुए मांग की गई है कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए। भाजपा नेताओं ने जहां इस निर्णय का स्वागत किया है वहीं कांग्रेस ने सिर्फ पुरस्कार का नाम बदलने को राजनीतिक दुर्भावना करार दिया है।