आदिवासी समाज के प्रमुख लोग जन-जागरुकता के लिए कोविड वैक्सीन लगाकर फोटो वायरल करें: अनुसुईया उइके

कोरोना संक्रमण की रफ्तार को लगाम लगाने में टीकाकरण है जरूरी, आदिवासी समाज में टीके को लेकर हैं कई भ्रम, ग्रामीणों को जागरुक करने में सहायक हो सकते हैं समाज के प्रमुख लोग

Updated: May 17, 2021, 11:57 AM IST

Photo courtesy: janta se rishta
Photo courtesy: janta se rishta

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपील की है कि आदिवासी समाज के जो पढ़े-लिखे और सक्षम लोग हैं वे कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों का भ्रम दूर करने के लिए आगे आएं। आदिवासी समाज के लिए अपना योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। इसकी बड़ी वजह लापरवाही है। दरअसल कोरोना के लक्षण नजर आने पर भी ग्रामीण कोरोना टेस्ट करवाने से बच रहे हैं। वे बुखार और खांसी सर्दी को सामान्य मानकर टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं।

इतना ही नहीं आदिवासी समाज में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भी डर है, लोग वैक्सीनेशन को लेकर तरह-तरह की भ्रामक बातें कर रहे हैं। इसके लिए राज्यपाल ने अपील की है कि आदिवासी समाज के लोगों में जागरूकता लाने के समाज के प्रमुख लोग वैक्सीन लगाकर अपना वीडियो और फोटो लोगों को दिखाएं, इन्हें वायरल करें ताकि आदिवासी समाज कोरोना टीके को लेकर डर खत्म हो, लोग वैक्सीनेशन के लिए जागरूक हो सकें, क्योंकि कोरोना से बचाव में वैक्सीन का महत्वपूर्ण योगदान है।

पिछले चौबीस घंटों में छत्तीसगढ़ में 4 हजार 88 नए कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं 10 हजार 144 को रिकवरी के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है। राज्य में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख 3593 है। सरकारी आंकडों के हिसाब से पिछले 24 घंटे में 144 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है।

प्रदेश में अब तक करीब 7.97 लाख से अधिक लोगों ने कोरोना को मात दी है। वहीं 16 मई तक करीब 65.38 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोजे लगाई जा चुकी है। इनमें 18-44 वर्ष साल के कुल 4,77,044 लोग भी शामिल हैं।  गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 31 मई तक लॉकडाउन लगा हुआ है। कुछ स्थानों में इवन ऑड के हिसाब से दुकानें खोलेने की परमीशन दी गई है।