ईडी की छापेमारी एक डकैती थी, विनोद वर्मा ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर लगाए गंभीर आरोप

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने इस कार्रवाई को डकैती बताया है। साथ ही विनोद शर्मा ने ईडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Updated: Aug 24, 2023, 03:07 PM IST

रायपुर। चुनाव नजदीक आते ही विपक्षी दलों के नेताओं और उनके सहयोगियों पर दबाव बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे पड़ने लगते हैं। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में इस बार केंद्रीय जांच एजेंसियां ज्यादा ही मेहरबान हैं। सीएम भूपेश बघेल के जन्मदिन के मौके पर उनके कई सहयोगियों के घर बुधवार को छापेमारी हुई। सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा कि यह छापेमारी नहीं बल्कि डकैती थी।

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी जिस राज्य में मुकाबला नहीं कर पाती वहां ईडी और सीबीआई के जरिए चुनाव लड़ती है। बुधवार को छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से छापेमारी की। रायपुर में सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के देवेंद्र नगर स्थित निवास पर दबिश दी। इसके बाद सीएम के ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के भिलाई-3 स्थित निवास पर भी छापेमारी की। अब इस मामले में प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है।

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सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने इस कार्रवाई को डकैती करार देते हुए ईडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ईडी की तथाकथित छापेमारी एक डकैती थी। मेरे घर में जो भी सामान मौजूद था, मैंने उसके सबूत, दस्तावेज़ और सोर्स दिए। फिर भी ईडी को लगा कि सूत्र स्पष्ट नहीं हैं।

विनोद वर्मा ने आगे कहा, 'मैंने अपने घर से बरामद सोने के सभी बिल पेश कर दिए हैं... फिर भी, ईडी ने यह कहते हुए सारा सोना ले लिया कि सोना कहां से खरीदा गया था यह सत्यापित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है।' वर्मा ने आगे कहा, 'मैंने 2005 में पहली बार सोना खरीदा क्योंकि मैं खरीदने लायक तभी हो पाया था, और उसके बाद जितना भी सोना खरीदा इसका एक-एक बिल ईडी के सामने रखा। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को विवाह के समय मिला था, उसका बिल मेरे पास नहीं है। इसके अलावा पूरे बिल ईडी को दिया है। इसके साथ ही छह ऐसे बिल भी दिए जिसका सोना शादियों में रिश्तेदारों को दिए थे।'

वर्मा ने आगे कहा कि तमाम बिल दिखाए जाने के बावजूद ईडी सारा सोना जब्त कर ले गई और उनका यही कहना था कि आप पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं कि यह सोना कहां से खरीदा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि पूरा बिल मैंने उनके सामने पेश किया और उन्होंने जो कागज दिए हैं उसमें भी पूरे बिल और सोने का विवरण दर्ज हैं।

वर्मा के मुताबिक जब उन्होंने ईडी से यह पूछा कि एक सामान्य व्यक्ति को कितना सोना रखने का अधिकार है तो ईडी के अधिकारी ने कहा कि यह सब आईटी एक्ट में है, ईडी के एक्ट में नहीं है। ईडी के अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर मैने कहा कि संतुष्ट कैसे कर सकता हूं, जब मैंने सारे बिल आपके सामने रख दिए हैं।

वर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, 'ईडी के अधिकारियों ने सवाल किया कि आप यह बताइए कि आपने यह सोना जो खरीदा है उसका भुगतान आपने कैसे किया है, इसका सबूत आप नहीं दे पा रहे हैं। ईडी पर तंज सकते हुए वर्मा ने कहा, पहली बार भारतीय कानून में यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर कोई चीज बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी अपने पास सुरक्षित रखना पडे़गा। यह सीआरपीसी और आईपीसी को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।'