Rupee All-Time Low: रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, ट्रंप टैरिफ के बाद H-1B Visa ने बिगाड़ा खेल

एशियन करेंसी की कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपये को दबाव में डाला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ और H1B वीजा फीस की बढ़ोतरी से भी रुपये पर दोहरी मार पड़ी है।

Updated: Sep 23, 2025, 02:20 PM IST

नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया आज अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 88.49 तक गिरा, जबकि पिछले सत्र में यह 88.31 पर बंद हुआ था। एशियन करेंसी की कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपये को दबाव में डाला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ और H1B वीजा फीस में $100,000 की बढ़ोतरी से भी रुपये पर दोहरी मार पड़ी है।

मंगलवार को रुपया 88.41 प्रति डॉलर पर खुला, जो सोमवार 22 सितंबर के 88.31 के बंद स्तर से कमजोर था, और शुरुआती कारोबार में ही 88.46 के ऑल टाईम लो को छू गया। यह गिरावट तब आई जब एशियाई बाजारों में डॉलर में थोड़ी गिरावट आई। एक महीने के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) बाजार ने पहले ही कमजोर शुरुआत का संकेत दे दिया था, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में रुपया 88.31-88.32 के स्तर पर था।

व्यापारियों ने इस कमज़ोरी की वजह वाशिंगटन के ताज़ा संरक्षणवादी उपायों को बताया। अमेरिका ने अन्य एशियाई समकक्षों की तुलना में भारतीय निर्यात पर ज़्यादा टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है, साथ ही नए आवेदनों के लिए एच-1बी वीज़ा शुल्क भी बढ़ा दिया है। करेंसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियां भी रुपये पर भारी पड़ रही हैं। 

हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय गुड्स पर टैरिफ बढ़ाया है और H1B वीजा फीस $100,000 कर दी है। इससे न सिर्फ भारत के एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़े हैं बल्कि IT सेक्टर पर भी सीधा असर पड़ सकता है। 2025 में अब तक 3.25% कमजोर हो चुका है। 1 जनवरी को रुपया डॉलर के मुकाबले 85.70 के स्तर पर था, जो अब 88.49 के लेवल पर पहुंच गया है।