MP: कर्ज लेने का सिलसिला जारी, मोहन सरकार फिर ले रही 4800 करोड़ का लोन
मोहन सरकार नए वित्त वर्ष में तीसरी बार 2500 और 2300 करोड़ रुपए के कर्ज लेने जा रही है। दोनों ही कर्ज 16 साल और 18 साल की अवधि के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए जा रहे हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती ही जा रही है। मोहन सरकार नए वित्त वर्ष में तीसरी बार कर्ज लेने जा रही है। इस बार कर्ज का रकम 4800 करोड़ रुपए है। इसी के साथ चालू वित्त वर्ष में लिए जाने वाले कर्ज का आंकड़ा 14300 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। सरकार ने इसके पहले सात मई और 4 जून को कर्ज लिया था।
मोहन सरकार नए वित्त वर्ष में तीसरी बार 2500 और 2300 करोड़ रुपए के कर्ज लेने जा रही है। दोनों ही कर्ज 16 साल और 18 साल की अवधि के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए जा रहे हैं जिसका भुगतान साल भर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा।
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नए वित्त वर्ष में अप्रैल का महीना छोड़ने के बाद हर महीने फिर कर्ज लिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके पहले जून में 2000 करोड़ और 2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे। मई में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे। इसी के साथ राज्य सरकार पर कुल कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 436040.27 करोड़ रुपए हो जाएगा।
इसके पहले आरबीआई के माध्यम से दो लोन मोहन सरकार ने 4 जून को लिए थे। पहला लोन 2000 करोड़ रुपए का था जो 16 साल के लिए लिया है। सरकार ब्याज के साथ इसकी अदायगी 4 जून 2041 तक करेगी। दूसरा लोन 2500 करोड़ रुपए का था जो 18 साल के लिए है। यह 4 जून 2043 तक ब्याज के साथ चुकाया जाएगा।
मोहन सरकार ने चालू वित्त वर्ष का पहला कर्ज 7 मई को लिया था। इस दिन दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए गए थे। मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए लिया गया था जिसका ब्याज सात मई 2037 तक के लिए चुकाना है। इसी तरह ढाई हजार करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज सात मई को ही 14 साल के लिए लिया गया है जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी।