कांग्रेस का केंद्र पर आरोप, छत्तीसगढ़ में 60 लाख टन धान ख़रीदने का वादा किया पर 47 लाख टन के बाद रोकी खरीद

कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ का केंद्र सरकार पर तीखा हमला, छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों की अनदेखी का लगाया आरोप

Updated: Jan 04, 2021, 11:22 PM IST

Photo Courtesy: The Financial Express
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रायपुर। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को आश्वासन दिया था कि वह केंद्रीय पूल में प्रदेश से 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी करेगी। लेकिन अब केंद्र सरकार अपने वादे से मुकर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र ने पहले तो 60 लाख मीट्रिक टन की खरीद का वादा किया था, लेकिन अब 47 लाख मीट्रिक टन धान लेने के बाद ही खरीद रोक दी गई है।

छत्तीसगढ़ में 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। कांग्रेस ने तंज कसा है कि क्या AALL याने अदाणी एग्रो लॉजिस्टिक लिमिटेड के स्टोरेज बनने के बाद किसानों से धान खरीदा जाएगा। जब 40 दिन से किसान आंदोलन में जुटे हैं, तब किसानों से धान खरीद नहीं की जा रही है, तो आम दिनों में क्या होता होगा। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि बीजेपी कहती है, सरकारें किसानों को कृषि कानून समझा नहीं पाई हैं, लेकिन सच तो यह है कि इस बार किसान इन कानूनों को अच्छी तरह समझ गया है।

 

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि पहले तो केंद्र सरकार किसानों से वादा करती है कि उनकी फसल खरीदने में सरकार को कोई परेशानी नहीं है, छत्तीसगढ़ में 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का भरोसा देती है। लेकिन बाद में जगह की कमी का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ के किसानों से धान खरीदने से इनकार कर देती है। अब केंद्र सरकार कह रही है कि उनके पास धान रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। वो पूंजीपतियों को तो संरक्षण दे रही है, लेकिन किसानों के हितों की उसे कोई चिंता नहीं है। 

गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें खरीफ वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार द्वारा विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना के तहत छत्तीसगढ़ को 60 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद के लिए सहमति दी गई थी। इसी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा गया और अब तक 12 लाख किसानों से 47 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार से 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी, लेकिन केवल 1.45 लाख गठान बारदाना ही अलॉट किया गया। उसमें भी केवल 1.05 लाख गठान बारदाना ही मिला है। बारदाना की कमी के कारण भी धान की खरीद में मुश्किल उठानी पड़ती है।