भ्रष्टाचार का औजार बनी मोहन सरकार की तबादला नीति, कांग्रेस विधायक ने लगाए गंभीर आरोप

तबादला नीति जनहित के लिए नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल के हितों को साधने और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है: अभय मिश्रा

Updated: May 19, 2025, 06:14 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की मोहन यादव सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार तबादल नीति में पक्षपात और भेदभाव का रवैया अपना रही है। उन्होंने तबादला नीति भ्रष्टाचार का औजार करार दिया है।

सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने आरोप लगाया कि सरकार न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है। बल्कि संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है। मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तबादला नीति की बैठक की जानकारी उन्हें जानबूझकर नहीं गई। जबकि जबकि अन्य विधायकों और सांसदों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। 

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उन्होंने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि यह उपेक्षा केवल मेरी नहीं, बल्कि सेमरिया की जनता का अपमान है। विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है, न कि किसी राजनीतिक दल का गुलाम। इस प्रकार की तानाशाही रवैया लोकतंत्र के लिए खतरा है।

कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की तबादला नीति पूरी तरह से जाति, वोट बैंक और आर्थिक लेन-देन पर आधारित है। स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव है। यह नीति जनहित के लिए नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल के हितों को साधने और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। 

उन्होंने यह भी बताया कि सेमरिया क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए एक वसूली अभियान चलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है वह तबादला नीति में पारदर्शिता सुनिश्चित करें और भेदभावपूर्ण रवैया बंद करें।