प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क का विरोध, इंदौर और रतलाम में सड़क पर उतरे किसान

इंदौर में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

Updated: Aug 22, 2023, 07:09 PM IST

इंदौर। केंद्र की मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुक्ल लगा दिया है। केंद्र के इस फैसले ने देशभर में किसानों को आंदोलित कर दिया है। मध्य प्रदेश के किसानों में भी एक्सपोर्ट ड्यूटी के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। मंगलवार को इंदौर और रतलाम में किसानों ने केंद्र के फैसले के विरुद्ध बड़ा विरोध प्रदर्शन किया।

रतलाम में प्रदर्शनकारी किसानों ने मंडी में नीलामी बंद करवा दिया। मंडी का गेट भी बंद कर दिया और धरने पर बैठ गए। किसानों की मांग है कि निर्यात शुल्क का निर्णय वापस लिया जाए। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। मालवा क्षेत्र के 15 जिलों में भी ज्ञापन दिए गए हैं। ज्ञापन देने सैंकड़ों किसान पहुंचे थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।

इंदौर में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान संघ के इंदौर जिला अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौर ने कहा कि सरकार इस फैसले को 15 दिन के अंदर वापस ले अन्यथा संघ देश के सभी सांसदों का घेराव करेगा। उन्होंने कहा, 'निर्यात शुल्क से लागत भी नहीं निकल पाएगी। इससे हमारा काफी नुकसान होगा। सुनवाई नहीं हुई तो सांसदों का घेराव करने के साथ प्रांत की सभी मंडियों को बंद किया जाएगा।'

वहीं, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही ने भी निर्यात शुल्क लगाए जाने का विरोध किया है। सिरोही ने कहा कि आखिर किस आधार पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क थोपा गया है। जब 40 फीसदी सरकार टैक्स लेगी तो किसानों को क्या मिलेगा? निर्यात का लेबर, ट्रांसपोर्ट, मार्केट मार्जिन के बाद किसानों के लिए तो कुछ बचेगा ही नहीं। दाम कंट्रोल करने के लिए किसान ही क्यों मिले? केंद्र सरकार बताए कि प्याज का प्रोडक्शन प्रोमोट करने के लिए कितना बजट का प्रावधान किया गया था। सरकार इसे तत्काल वापस ले वरन एक बार फिर किसान पूरे देश में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।