टिड्डियों के हमले से क्यों खुश हुए किसान, आख़िर ऐसा क्या मिला नुस्ख़ा
केन्या की एक वैज्ञानिक संस्था किसानों को टिड्डियों के बदले दे रही है पैसे, संस्था इन टिड्डियों से ऑर्गेनिक खाद और पशु आहार बना रही है, ये है आपदा में अवसर का असली उदाहरण

टिड्डियों का हमला किसानों के लिए मुसीबत बनकर आता है। फसल तबाह हो जाती है, किसान बर्बाद हो जाते हैं। लेकिन अफ्रीक के केन्या में किसान अब टिड्डियों के हमले से परेशान नहीं खुश हो रहे हैं। वजह है वहां की एक वैज्ञानिक संस्था द्वारा खोजा गया एक नया उपाय। केन्या की इस संस्था द बग पिक्चर ने टिड्डियों को ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र यानी जैविक खाद और पशु आहार में तब्दील करने का फॉर्मूला ढूंढ निकाला है। इसका परिणाम ये हुआ है कि द बग पिक्चर अब किसानों को टिड्डियों के बदले में पैसे दे रही है।
द बग पिक्चर के इस ऑफर से किसानों की आपदा वाकई एक झटके में अवसर में तब्दील हो गई है। किसान संस्था को टिड्डियां जमा करके दे रहे हैं, जिसके बदले में उन्हें अच्छी खासी रकम मिल रही है। द बिग पिक्चर किसानों को हर एक किलो टिड्डी के बदले में पचास केन्यन शिलिंग यानी लगभग 33.14 रुपये का भुगतान कर रही है।
इसका नतीजा ये हुआ है कि अब केन्या में टिड्डी दलों के हमले वाले इलाकों में किसान रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी की मदद से टिड्डियां जमा करते हैं। घंटों की मेहनत करके ये किसान टिड्डियां जमा करते हैं और फिर द बग पिक्चर के टिड्डी कलेक्शन सेंटर पहुंच जाते हैं। वहां इन्हें हाथों हाथ टिड्डियों के बदले नकद राशि मिल जाती है।
संस्था की संस्थापक लॉरा स्टेनफोर्ड ने कहा है कि उनकी संस्था किसानों की नाउम्मीदी को उम्मीद में तब्दील करना चाहती है। लॉरा की मानें तो किसान अब इन टिड्डियों को अपनी एक वैकल्पिक फसल के तौर पर देख सकते हैं। उनका कहना है कि टिड्डी दल आम तौर पर यहां हर साल हमला करते हैं। यानी किसान हर साल उन्हें जमा करके हमारी संस्था को दे सकते हैं और बदले में पैसे ले सकते हैं।
लॉरा ने बताया कि किसान उनकी संस्था में बड़ी मात्रा में टिड्डियां ले कर आ रहे हैं। सिर्फ 1 से 8 फरवरी के दौरान ही करीब 1.3 टन टिड्डियां किसानों ने उनकी संस्था में जमा की हैं। इन टिड्डियों से बनाई जाने वाली खाद और पशु आहार पाउडर जैसे दिखते हैं, जिन्हें आम खाद या प्रोटीन रिच पशु आहार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे कहते हैं आपदा में अवसर का असली उदाहरण!