छत्तीसगढ़ में पत्रकार मर्डर केस के आरोपी ठेकेदार के खिलाफ बुलडोजर एक्शन, तीन आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्टर मुकेश चंद्राकर की लाश रिश्तेदार के बैडमिंटन कोर्ट कैंपस में बने सेप्टिक टैंक में मिली है। लाश को छिपाने के बाद टैंक को 4 इंच कंक्रीट से ढलाई कर पैक कर दिया गया था।

Updated: Jan 04, 2025, 07:10 PM IST

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बर्बर हत्या को लेकर देशभर के पत्रकारों में रोष है। शनिवार को मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम में पता चला कि मुकेश चंद्राकर का पहले गला घोंटा गया। बाद में सिर पर कुल्हाड़ी मारी गई। इस हमले से मुकेश के सिर पर ढाई इंच गड्ढा हो गया। 

पुलिस ने इस हत्याकांड में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर फरार है। उसके ठिकानों पर शनिवार को बुलडोजर भी चलाया गया है। बीजापुर में हुई इस हत्या के बाद पत्रकारों में आक्रोश है। उन्होंने बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर 4 घंटे तक चक्काजाम किया। वहीं, रायपुर में भी धरना प्रदर्शन किया गया। पत्रकारों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट किया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'बस्तर, छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार स्तब्ध करने वाला है। खबरों के मुताबिक, मुकेश जी ने अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था जिसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। मेरी राज्य सरकार से मांग है कि इस मामले में सख्त और त्वरित कार्रवाई हो, दोषियों को कड़ी सजा मिले और दिवंगत के परिजनों को उचित मुआवजा एवं नौकरी पर विचार किया जाए।'

चंद्राकर के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फेसबुक पर लिखा, 'मुझे आज भी वो दिन याद है, जब नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम मुख्यमंत्री निवास रायपुर में मुझसे भेंट करने आई थी। साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर उस मध्यस्थ टीम के प्रमुख सदस्य थे। उनके साहस के लिए मैंने उनकी पीठ थपथपाई थी। मुकेश के साथ जो हुआ है, वो बेहद दुर्भाग्यजनक है। सिर्फ शब्दों से निंदा कर देने से क्षति और असुरक्षा का समाधान नहीं हो सकता। ना ही इस विषय पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करना चाहूंगा।'

भूपेश बघेल ने आगे लिखा कि सरकार से अनुरोध है कि त्वरित जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और ऐसी नज़ीर पेश हो कि अपराधियों में संदेश जाए। साथ ही मुकेश के परिवार का ध्यान रखने के लिए सरकार को आर्थिक सहायता, नौकरी पर भी निर्णय लेना चाहिए। साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर को हम सब छत्तीसगढ़वासियों की विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवार को हिम्मत दे।

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बता दें कि 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रेस कर रही थी। हत्याकांड में पुलिस के संदेह के दायरे में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर थे। कुछ दिन पहले मुकेश ने करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क की खस्ता हाल की खबर बनाई थी। सुरेश के ही ठिकाने पर हत्या कर चंद्राकर के शव को सेप्टिक टैंक में डाला गया था।