शिवराज चौहान ने कहा था 6 सितंबर को पैसा आएगा, पैसा नहीं आया किसान ने जान दी

MP Farmer Suicide: एमपी में दो और किसानों ने की आत्महत्या, पांच दिनों में 8 किसान सिस्टम से हारे

Updated: Sep 08, 2020, 05:08 AM IST

Photo Courtesy: Fastread
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भोपाल। पहले बारिश की खेंच और फिर अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में सोयाबीन सहित अन्य फसलें ख़राब हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुआवज़ा देने की बात कही है। मगर न तो सर्वे हो रहा है और न मुआवज़ा मिला है। खातेगांव में 28 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान ने घोषणा की थी कि 6 सितंबर को किसानों के खातों में पिछले साल के बीमा का पैसा डाला जाएगा। 6 सितंबर को पैसा तो नहीं आया मगर एक किसान ने फसल बिगड़ने से निराश हो कर जान दे दे। सिवनी जिले के बंडोल में भी किसान के आत्महत्या करने की खबर है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खातेगांव तहसील के ग्राम पिपल्या नानकार के 56 वर्षीय किसान लक्ष्मणसिंह पिता गजराजसिंह चौहान ने रविवार सुबह 9.30 बजे अपने खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या ली। बड़े बेटे शिवराज ने बताया पिता पिछले कई दिनों से खेत पर नहीं गए थे। रविवार सुबह अचानक खेत पर चले गए, जहां बर्बाद फसल को देख वे दुःखी और हताश हो गए।

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उन्होंने खेत पर रखा जहरीला पदार्थ पी लिया। पड़ोसी किसान ने उन्हें बेचैन अवस्था में देखा तो उन्होंने बेटे को खबर की। खातेगांव अस्पताल ले जाते उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया। पड़ोसियों ने बताया लक्ष्मण सिंह के पास करीब 6 एकड़ जमीन है। पिछली फसल भी बर्बाद हो गई थी। सोसायटी और बैंकों के अलावा कुछ और कर्ज उन्होंने ले रखा था। 3 लड़कियां और 2 लड़के हैं।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान ने खातेगांव में ही की थी सहायता की घोषणा 

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान ने 28 अगस्त को खातेगांव में ही घोषणा की थी कि 6 सितंबर को पिछले साल के  फसल बीमा का पैसा किसानों के खातों में डाला जाएगा। बीमा राशि तो किसानों के खातों में पहुंची नहीं 6 सितंबर को खातेगांव के एक कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या कर ली। ऐसे ही एक किसान ने सिवनी के बंडोल में भी आत्महत्या कर ली। 

नींद से कब जागेगी सरकार: कमल नाथ 

किसान आत्महत्याओं पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश में अतिवर्षा व बाढ़ से फसल ख़राब होने से, मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की आत्महत्या का दौर निरंतर जारी है। सीहोर, निवाड़ी, विदिशा, छिन्दवाड़ा के बाद अब देवास जिले के खातेगाँव व सिवनी ज़िले के बंडोल में भी किसान भाइयों ने फसल खराब होने पर, मुआवज़े के अभाव में आत्महत्या की गई। आख़िर नींद से कब जागेगी सरकार?

आपको बता दें कि भारी बारिश और बाढ के कारण प्रदेश भर में किसानों की फसल तबाह हो गयी जिसके चलते लगातार किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आ रहीं हैं। पिछले पांच दिनों में प्रदेश के किसानों द्वारा आत्महत्या का यह सातवां मामला है। विदिशा के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी 3 किसानों ने फसल खराब होने की वजह से आत्महत्या की है।