न सर्वे न राहत और न ही राशि, बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों का त्राहिमाम
चने की फसल खेत में पकी हुई थी। मजदूर लगाकर कटाई करने ही वाले थे। गेहूं की फसल भी पकने वाली थी। ओले और बारिश से फसल बर्बाद हो गई: डिंडोरी के किसान दीपक टेकाम

भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश-आंधी और ओलावृष्टि हो रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में बेर के आकार के ओले गिरे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई। इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना और सरसों फसलें बर्बाद हो गईं। बेमौसम बारिश जहां किसानों के जीवन पर आफत की तरह आई है वहीं शासन की ओर से राहत राशि तो दूर सर्वे भी शुरू नहीं हुआ है।
मध्य प्रदेश में बेमौसम बरसात और ओले फसलों पर कहर बनकर बरसे। खेतों में फसलें पक चुकी थीं और उनकी कटाई की जानी थी। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। कई जिलों में तो फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी है तो बहुत से इलाकों में कम नुकसान भी हुआ है। बैतूल, भोपाल, छतरपुर, आगर मालवा, दतिया, ग्वालियर, डिंडोरी सहित दर्जनों जिलों में किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। बेमौसम आई इस आपदा ने किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है।
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डिंडोरी के किसान दीपक तेकाम ने बताया कि चने की फसल खेत में पकी हुई थी। मजदूर लगाकर कटाई करने ही वाले थे। गेहूं की फसल भी पकने वाली है। लेकिन ओले और बारिश से सारी फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि अभी तक पटवारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार या आरआई उनके खेतों में यह जानने भी नहीं पहुंचे हैं कि उनका कितना नुकसान हुआ है।
ये शहर के लिए कश्मीर लेकिन फसलों के लिए कफन।।
— Dr.Vikrant Bhuria (@VikrantBhuria) March 20, 2023
खरगोन जिले के झिरन्या के काकोडा के आसपास के गांवो में ओला वृष्टि हुई है गेहूं और चने की फसलों को भारी नुकसान हुआ ।
मुख्य मंत्री तत्काल अपने मंत्री भेजे एवं उचित मुआवजे की घोषणा करें।@ChouhanShivraj pic.twitter.com/L015mNZQK7
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले यह निर्देश दिए थे कि अधिकारी 7 दिन में नुकसान का सर्वे करें और 10 दिन में राहत राशि का वितरण शुरू हो जाए। लेकिन अभी तो अधिकांश जिलों में सर्वे ही शुरू नहीं हुआ है तो राहत राशि की बात तो बहुत दूर की है। स्थिति ये है कि किसान अपनी फसल को देखकर आंसू बहा रहा है। वहीं, चुनावी साल होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को लगातार आश्वासन दे रहे हैं।
किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि जहां किसानों की फसलें इस आपदा से बच गई हैं वहां किसानों को मंडियों में लूटा जा रहा है। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के क्षेत्र हरदा में ही किसानों के साथ मंडी में धांधली की शिकायतें मिली हैं। इसी तरह बुधनी और सीहोर में भी किसानों के साथ लूट और मारपीट की घटनाएं हुई है। गेंहू एमएसपी से भी कम भाव में बेचने को किसान मजबूर हैं। सरकार जानबूझकर खरीदी शुरू नहीं कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल खरीदी शुरू करने और नुकसान वाले क्षेत्रों में मुआवजा राशि देने की मांग की है।