कोरोना महामारी के बावजूद पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है छठ महापर्व

छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्‍य, छठ माई और भगवान सूर्य से मांगा सुख सौभाग्य का आशीर्वाद

Updated: Nov 21, 2020, 12:41 AM IST

Photo Courtesy: social media
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छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्‍त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। कोरोना महामारी के बावजूद कई जगहों पर छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। छठव्रती इस महापर्व पर सूर्य भगवान और छठ मैया की विधि-विधान के साथ पूजन करते नजर आए।

घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अर्ध्य देने का इंतजाम किया गया है।

 

छठ पूजा के दौरान दो दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है। षष्ठी तिथि को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। वहीं सप्तमी को सुबह उगते होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा पर भगवान सूर्य के प्रति आभार प्रकट किया जाता है।

इस मौके पर उन्हें सभी प्रकार के फल, फूल, नैवेद्य चढ़ाए जाते हैं। महिलाएं गन्ना, नारियल, सीता फल, अमरुद, सेब, केला, ढेकुआ, नारियल समेत हर मौसमी फल और नेवैद्य अर्पित करती हैं। 

छठ महापर्व बुधवार से नहाय-खाय के साथ हुआ था। गुरुवार को व्रतियों ने खरना की परंपरा निभाई, और संतान प्राप्ति और सुखमय जीवन के आशीर्वाद के लिए छठी का व्रत रखा। शुक्रवार को व्रतियों ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया यह छठ की मुख्य पूजा होती है।

इस दिन पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने की परंपरा है। देश के कई इलाकों में सामूहिक पूजा पर रोक लगी होने के कारण लोगों ने घरों में ही पूजा की।

वहीं जिन स्थानों पर रोक नहीं थी वहां व्रती मास्क पहने नजर आए। शनिवार को उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण होगा ।