भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 12 लाख लोगों की मौत : विशेषज्ञ

ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस) के अनुसार, भारत में 13-15 वर्ष की आयु के लगभग पांचवां छात्र तंबाकू उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। सर्वेक्षण से पता चला कि 38% सिगरेट, 47% बीड़ी और 52% धूम्रपान रहित तंबाकू उपयोगकर्ताओं ने अपने निजी जीवन में इसकी आदत बना ली है। 

Updated: Jun 01, 2023, 07:16 PM IST

भोपाल। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार, भारत में 13-15 वर्ष की आयु के लगभग हर पांचवां बच्चा तंबाकू उत्पादों का उपयोग कर रहे है। पूछने पर ये बात सामने आती है कि उनकी जिंदगी में काफी तनाव है, जिसको दूर करने के लिए तंबाकू और सिगरेट पीकर वे अपना तनाव दूर करते है। 

भारतीय स्वैच्छिक स्वास्थ्य अधिकारी भावना बी मुखोपाध्याय ने मंगलवार को एक सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि हर पांचवें, बच्चे, जवान अथवा बुजूर्गों ने लगभग 38 फीसदी सिगरेट, 47 फीसदी बीड़ी और 52 फीसदी धूम्रपान रहित तंबाकू उपयोगकर्ताओं ने अपने जीवन में आदत बना ली है। 

एससी त्रिवेदी मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता शुक्ला ने कहा, "महिलाओं में बांझपन का एक कारण धूम्रपान भी देखा जा रहा है। जो गर्भावस्था के दौरान तंबाकू का सेवन करने की स्थिति में समय से पहले प्रसव का कारण भी बन सकता है।

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-2017 कहता है कि हमारे देश में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं और लगभग 12 लाख लोग हर साल तंबाकू से संबंधित बीमारी के कारण मर जाते हैं। भारत में तंबाकू का इस्तेमाल शुरू करने की औसत उम्र 18.7 साल है। महिलाओं की तुलना में पुरुष कम उम्र में ही तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं। तंबाकू से 25 तरह की बीमारियां और करीब 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं जिनमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट का कैंसर और ब्रेन ट्यूमर प्रमुख हैं। 

“तंबाकू का धुआं हानिकारक गैसों और रासायनिक पदार्थों का उत्सर्जन करता है, जिसमें निकोटीन और टार प्रमुख हैं। जिनमें कुल मिलाकर, 70 रासायनिक पदार्थ कार्सिनोजेनिक पाए गए हैं, लेकिन तंबाकू का सेवन करने वालों द्वारा इन तथ्यों की अनदेखी की जाती है।

बीड़ी पीना सिगरेट से भी ज्यादा हानिकारक है। बीड़ी में निकोटिन की मात्रा कम होने के कारण निकोटीन के आदी लोगों को इसकी बार-बार जरूरत पड़ती है। हमारे देश में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में धूम्रपान की लत अधिक है।'

जब कोई धूम्रपान करता है, तो बीड़ी या सिगरेट का 30% धूम्रपान करने वाले के फेफड़ों में जाता है और 70% आसपास के वातावरण में रहता है, जो डॉक्टरों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान ना करने वालों को प्रभावित करता है।