Safest Mask: कोरोना से बचाने के लिए N-95 मास्क के ज्यादा सुरक्षित होने का दावा

Corona Effect: अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय ने 14 तरह के मास्क पर परीक्षण किया, N-95 मास्क को सबसे कारगर मास्क कहा

Updated: Aug 25, 2020, 01:14 AM IST

Photo Courtesy : Hindi sakshi
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वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लाखों जतन किए जा रहे हैं। कोविड 19 संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर्स मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की लगातार सलाह दे रहे हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही मास्क को लेकर कई चर्चाएं होती रही हैं। कई वैज्ञानिक मास्क को खतरनाक बताते हैं तो कई वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए मास्क से कारगर कोई उपाय हो ही नहीं सकता है।

मास्क की उपयोगिता को परखने के लिए 14 अलग-अलग तरह के मास्क पर एक टेस्ट किया गया। अमेरिका के कैरोलीना की ड्यूक विश्वविद्यालय में साइंटिस्टों ने 14 तरह के मास्क पर टेस्ट किया। वैज्ञानिकों ने इस जांच में यह पता लगाने की कोशिश की है कि सबसे ज्यादा सुरक्षित मास्क कौन सा है। जिससे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। 

सुरक्षित है n 95 मास्क

एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 अलग-अलग तरह के मास्क की जांच में यह पाया गया है कि कोरोना वायरस से बचाव में सभी मास्क एक जैसी सुरक्षा प्रदान नहीं करते। बल्की कई मास्क गलत तरीके से उपयोग करने पर कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा देते हैं।

वैज्ञानिकों ने अपनी जांच में पाया कि बिना वॉल्व वाले N95 मास्क सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इसके बाद तीन लेयर वाले सर्जिकल मास्क भी आपको कोरोना वायरस से सुरक्षित रख सकते हैं। घर में बनाए गए कॉटन के मास्क भी वायरस से सुरक्षा करते हैं।

सर्जिकल मास्क

 ड्यूक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने रिसर्च के दौरान पाया कि रुमाल से बनाए गए मास्क या बुने गए मास्क से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता है। इन मास्क से सुरक्षा नहीं होती है। सबसे खतरनाक नेक फ्लीक्स मास्क होते हैं। रिसर्च में दावा किया गया है कि नेक फ्लीक्स मास्क जिसमें पूरा चेहरा गले तक पैक होता है। वह बड़े ड्रॉपलेट्स को छोटे-छोटे ड्रॉपलेट्स में बदल देता है। जिसकी वजह से यह मास्क खतरनाक हो जाते हैं।

वहीं एक अन्य अमेरिका विश्वविद्यालय इलिनोइस की रिसर्च में दावा किया गया है कि 100 डिग्री सेल्सियस में N-95 मास्क को इलेक्ट्रिक कुकर में रखने पर वह वायरस फ्री हो जाता है। दावा किया गया है कि एन-95 मास्क को इलेक्ट्रिक कुकर में 50 मिनट रखकर कीटाणुमुक्त किया जा सकता है। कहा गया है कि मास्क के फिल्टर को किसी तरह की हानी नहीं होती है।

एक रिसर्च में सर्जिकल मास्क की तुलना सिंगल और डबल-लेयर वाले कपड़ों से बने मास्क की तुलना की। जिसमें एलईडी लाइट और हाई स्पीड वीडियो कैमरा का प्रयोग करते हुए देखा गया कि एक परत वाले मास्क से ज्यादा कारगर दो या तीन परत वाला मास्क है। क्योंकि बोलने के दौरान मुंह से निकलने वाली बूंदों का प्रसार इससे कम होता है।

घरेलू मास्क अन्य मास्क 70 फीसदी तक प्रभावशाली होते हैं। इन्हे साबुन और गर्म पानी से धोकर कई बार उपयोग किया जा सकता है। ये घर पर भी आसानी से बनाए जा सकते हैं। इसे सूती कपड़े से बनाया जा सकता है।

सर्जिकल मास्क का उपयोग केवल एक बार किया जा सकता है। इसे धोया नहीं जा सकता, धोने से इसका फैब्रिक खराब हो जाता है। इसे सुरक्षित रुप से प्लास्टिक बैग में रखकर मेडिकल वेस्ट की तरह डिस्पोज किया जाता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यूज करने के बाद ये मास्क किसी के संपर्क में ना आए।

मास्क तभी मददगार हो सकते हैं जब उसे पहनने वाले लोग लगातार हाथ साफ करते रहें। हाथ को 70 फीसद एल्कोहल आधारित हैंड सैनेटाइजर या साबुन से लगातार साफ करते रहें। बिना हाथ सेनेटाइज किए मास्क को या नाक,मुंह को हाथ ना लगाएं। साथ ही कोरोना से बचने की अन्य गाइडलाइन फॉलो करें।