लांसेट की रिपोर्ट में दावा, वर्ष 2019 में प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतें भारत में, आंकड़ा 23.5 लाख से ज्यादा!

वैश्विक स्तर पर 2019 में प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों से कुल 4.6 ट्रिलियन (खरब)डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ जो कि वैश्विक आर्थिक उत्पादन का 6.2 प्रतिशत है।

Updated: May 18, 2022, 01:23 PM IST

लांसेट की रिपोर्ट में दावा, वर्ष 2019 में प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतें भारत में, आंकड़ा 23.5 लाख से ज्यादा!
Photo Courtesy: The Indian Express

भोपाल: लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विश्व में प्रदूषण से 23.5 ज्यादा मौतें भारत में हुई, जिसमें अकेले वायु प्रदूषण से 16.7 लाख मौतें हुई। वायु प्रदूषण से सर्वाधिक 9.8 मौतें PM 2.5 प्रदूषण कण के कारण हुई। वर्ष 2019 में विश्व में प्रदूषण से 90 लाख मौतें हुई है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक रिचर्ड फुलर ने कहा कि प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभाव बहुत घातक है और निम्न, मध्यम आय वाले देशों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, प्रदूषण के गंभीर स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के बाद भी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंडे में प्रदूषण की रोकथाम की काफी हद तक अनदेखी की जाती है।
भारत में वायु प्रदूषण उत्तरी भारत में सर्वाधिक हैं जहां ऊर्जा,वाहनों, उद्योग, कृषि और अन्य गतिविधियों से प्रदूषण होता है।

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अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में प्रदूषण के घरों में भोजन पकाने के लिए बायो ईंधन का उपयोग, कोयले का दहन, पराली जलाना जैसे बड़े कारण है।
वैश्विक स्तर पर 2019 में प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों से कुल 4.6 ट्रिलियन यानी खरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ जो कि वैश्विक आर्थिक उत्पादन का 6.2 प्रतिशत है। अध्यनकर्ताओं का दावा है कि प्रतिवर्ष जल प्रदूषण से 13.6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है।